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टाइगरों की आबादी दोगुनी करने के लिए भारत और नेपाल में साइटों को किया गया सम्मानित

भारत के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (STR) ने वर्ष 2010 के बाद टाइगरों की संख्या को दोगुना कर दिया है। इसके लिए उसे प्रतिष्ठित TX2 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह रिजर्व नीलगिरि बायोस्फीयर लैंडस्केप का हिस्सा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:21 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:21 PM (IST)
टाइगरों की आबादी दोगुनी करने के लिए भारत और नेपाल में साइटों को किया गया सम्मानित
नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व पर वर्तमान में दुनिया में सबसे ज़्यादा टाइगरों की आबादी मौजूद है।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (STR) ने वर्ष 2010 के बाद टाइगरों की संख्या को दोगुना कर दिया है। इसके लिए उसे प्रतिष्ठित TX2 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह रिजर्व नीलगिरि बायोस्फीयर लैंडस्केप का हिस्सा है। नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व पर वर्तमान में दुनिया में सबसे ज़्यादा टाइगरों की आबादी मौजूद है।

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ये पुरस्कार कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स (CA|TS), फ़्यूना एंड फ़्लोरा इंटरनेशनल (FFI), ग्लोबल टाइगर फ़ोरम (GTF), IUCN का इंटीग्रेटेड टाइगर हैबिटेट कंजर्वेशन प्रोग्राम (ITHCP), पेंथेरा, UNDP, द लायन्स शेयर, वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी (WCS) और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ (वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर) WWF द्वारा वितरित किए जा रहे हैं। ये सभी 13 टाइगर रेंज देशों की 10वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो 2022 तक बाघों की वैश्विक आबादी को दोगुना करने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह पुरस्कार राज्य सरकारों और स्थानीय समुदायों की कोशिशों का सम्मान करता है, जिन्होंने इस नए टाइगर रिजर्व को भारत में सबसे ज्यादा आबादी वाला स्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सत्यमंगलम को 2013 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था और अब इस क्षेत्र में लगभग 80 टाइगर हैं। नीलगिरि और ईस्टर्न घाट लैंडस्केप के बीच यह टाइगर रिज़र्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व, बांदीपुर टाइगर रिज़र्व और बीआर हिल्स टाइगर रिज़र्व जैसे दूसरे जाने माने टाइगर हैबिटेट से अच्छी तरह जुड़ा है। इरोड फ़ॉरेस्ट डिवीज़न, कोयंबटूर फ़ॉरेस्ट डिवीज़न और मलाई

महादेश्वर वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी जैसे आसपास के क्षेत्र भी टाइगर हैबिटेट के रूप में उभर रहे हैं। इससे टाइगर भोजन और नए क्षेत्र की तलाश में आसानी से एक से दूसरे स्थान पहुंच सकेंगे। WWF इंडिया के सेक्रेटरी जनरल और सीईओ रवि सिंह ने कहा कि TX2 पुरस्कार बाघों को बचाने के लिए सरकारों, एनजीओ और स्थानीय समुदायों के सराहनीय योगदान का सम्मान करता है। सम्मान के लिए हाल ही में चुने गए टाइगर रिज़र्व जैसे सत्यमंगलम दूसरों को इस अद्भुत प्रजाति और उसके हैबिटेट को सुरक्षित करने के लिए प्रयास करने की प्रेरणा देता है।

इस साल सितंबर में टाइगर रेंज के देश व्लादिवोस्तोक में दूसरे ग्लोबल टाइगर समिट में महत्वाकांक्षी TX2 लक्ष्य- बाघों की संख्या दोगुनी करना का मूल्यांकन करने और अगले 12 सालों के लिए बाघों के संरक्षण के लिए प्राथमिकताओं को समझने के लिए जुटेंगे। STR के अलावा नेपाल के बर्दिया नेशनल पार्क ने 2010 से अब तक बाघों की संख्या दोगुनी करने के लिए TX2 पुरस्कार जीता है। टाइगरों के संरक्षण का दूसरा पुरस्कार टाइगर कंज़र्वेशन एक्सीलेंस नेपाल में खता फ़ॉरेस्ट कंज़र्वेशन एरिया को जाता है, जो नेपाल और भारत के बीच टाइगरों के सीमा पार आवागमन को सुरक्षित करता है।

202 किमी तक फैले 74 कम्युनिटी फारेस्ट के नेटवर्क को शामिल करता हुआ, खता कॉरिडॉर जहां समुदाय-आधारित संरक्षण प्रयासों ने नेपाल में बर्दिया नेशनल पार्क और भारत में कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ़ सेंचुरी के बीच बाघों के आवागमन को सुरक्षित करता है। पिछले पांच सालों में, 46 टाइगरों को दूसरी प्रतिष्ठित और खतरनाक स्तनधारी प्रजातियों को कॉरिडॉर का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है। इनमें एशियाई हाथी और एक सींग वाले गैंडे शामिल हैं।

WWF के टाइगर्स अलाइव इनिशिएटिव के लीड स्टुअर्ट चैपमैन ने कहा कि 2010 में लिए गए संकल्पों से पता चलता है कि बाघ संरक्षण के लिए लंबे समय के संकल्पों से क्या हासिल किया जा सकता है। इन असाधारण परिणामों के पीछे फ़ील्ड टीमों, संरक्षण भागीदारों और बाघों के साथ रहने वाले समुदायों का समर्पण है।”

इंटीग्रेटेड टाइगर हैबिटेट प्रोग्राम, IUCN के समन्वयक सुगोतो राय ने कहा कि बाघों के सफल संरक्षण में लगातार प्रबंधन और हैबिटेट के लैंडस्केप स्केल में सुधार, बाघों और उनके शिकार की कठोर निगरानी और स्थानीय समुदायों के साथ बड़े पैमाने पर काम करना शामिल है। इन सभी मानदंडों को उत्कृष्टता के साथ पूरा किया गया है, जिससे हमें विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण परिणाम मिले हैं।

जानें क्या है TX2

TX2 लक्ष्य किसी एक प्रजाति के लिए अब तक का निर्धारित सबसे महत्वाकांक्षी संरक्षण लक्ष्यों में से एक है और व्लादिवोस्तोक में दूसरा ग्लोबल टाइगर समिट, सितंबर 2022, उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नई दृष्टि स्थापित करने का अवसर देता है। बाघों की संख्या शायद एक सदी पहले 100,000 थी, लेकिन 2010 में तेजी से गिरकर 3,200 हो गई। टाइगर रेंज देशों के अनुमानों के आधार पर 2016 में उनकी संख्या धीरे धीरे बढ़कर 3,900 हुई।


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