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एमपी की सीता ने फैशन मैगजीन वोग में बनाई जगह, खुद बनाती हैं साड़ी और करती हैं मॉडलिंग

मांडू की सीता वसुनिया ने जो मुकाम हासिल किया उस पर बड़ी-बड़ी फिल्म अभिनेत्रियां भी गर्व करती हैं। सीता धरा स्वसहायता समूह की कार्यकर्ता हैं। सीता और उनकी कुछ साथी महेश्वरा व चंदेरा सहित अन्य प्रिंट की साड़ियां व ड्रेस मटेरियल तैयार करती हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 05:13 PM (IST)
एमपी की सीता ने फैशन मैगजीन वोग में बनाई जगह, खुद बनाती हैं साड़ी और करती हैं मॉडलिंग
मांडू की सीता वसुनिया ने जो मुकाम हासिल किया, उस पर बड़ी-बड़ी फिल्म अभिनेत्रियां भी गर्व करती है

इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित पर्यटनस्थल मांडू रानी रूपमति और बादशाह बाज बहादुर की प्रेम कथा के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। अब यह कस्बा यहां की रहने वाली 25 वर्षीय सीता वसुनिया के कारण इन दिनों चर्चा में है। दरअसल, सीता इन दिनों अंतरराष्ट्रीय फैशन मैगजीन वोग के डिजिटल संस्करण में छाई हुई हैं। उनका फोटो ताजा संस्करण में नंबर वन पर प्रदर्शित हुआ है।

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मांडू की सीता वसुनिया ने जो मुकाम हासिल किया, उस पर बड़ी-बड़ी फिल्म अभिनेत्रियां भी गर्व करती हैं। सीता धरा स्वसहायता समूह की कार्यकर्ता हैं। सीता और उनकी कुछ साथी महेश्वरा व चंदेरा सहित अन्य प्रिंट की साड़ियां व ड्रेस मटेरियल तैयार करती हैं। ये महिलाएं काटन के कपड़े की खरीदी करके उनसे साड़ियां तैयार करती हैं। सबसे अहम बात यह है कि साड़ियों की छपाई-रंगाई से लेकर मार्केटिंग के साथ खुद मॉडलिंग भी करती हैं।

ऑनलाइन डिजिटल व‌र्ल्ड में अपनी रचनात्मक डिजाइन वाली साड़ियां बेचना भी इनका जिम्मा है। अपनी इस उपलब्धि से और आगे जाने की इस समूह की तैयारी है। सीता वसुनिया कहती हैं, फरवरी में काम शुरू किया था। कुछ ही दिनों में यह मुकाम हासिल कर लिया। यह तो शुरूआत है।

मांडू के साधारण से बैकग्राउंड पर लिया गया है फोटो

कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने कहा कि हमें गर्व है मांडू की बेटी सीता को अंतरराष्ट्रीय फैशन मैगजीन वोग में स्थान मिला है। सीता की सफलता को रेखांकित करते हुए अपर कलेक्टर डा. सलोनी सीडाना ने कहा कि जो फोटो वोग में लिया है, वह किसी भव्य स्थान का नहीं, बल्कि मांडू के जहाज महल में साधारण से बैकग्राउंड पर लिया गया है। वे बताती हैं कि कपड़ों पर छपाई की कला बाग प्रिंट को लेकर तीन स्वसहायता समूह धरा, सूरज और चांदनी सक्रिय हैं। सीता धरा समूह से हैं। इस समूह की महिलाएं चंदेरी, महेश्वरी आदि काटन पैटर्न पर कार्य कर रही हैं। हम उन्हें स्थानीय स्तर पर आर्गेनिक काटन का कपड़ा उपलब्ध करवाते हैं। उसके बाद फर्रुखाबाद से बनकर आने वाले ब्लाक से ये खुद प्रिंट करती हैं यानी ठप्पा लगाती हैं और उसे आकर्षक डिजाइन में तैयार करती हैं। उसके बाद कपड़े की रंगाई आदि संबंधी प्रोसेस भी खुद करती हैं। हमने इनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह से तैयार किया है कि वे खुद बतौर माडल भी काम करें। इसी कारण सीता ने जब अपना फोटो शेयर किया तो वह वोग जैसी अंतरराष्ट्रीय फैशन मैगजीन के डिजिटल एडिशन पर पहुंच गया।


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