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सिमी के 'आतंकी' को रायपुर पुलिस ने हैदराबाद से किया अरेस्‍ट, छह वर्षों से था फरार

प्रतिबंधित संगठन सिमी के फरार एक आतंकी को रायपुर पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। यह आतंकी बीते छह वर्षों से फरार था और पुलिस लगातार इसकी तलाश में जुटी थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 02:13 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 02:27 PM (IST)
सिमी के 'आतंकी' को रायपुर पुलिस ने हैदराबाद से किया अरेस्‍ट, छह वर्षों से था फरार
सिमी के 'आतंकी' को रायपुर पुलिस ने हैदराबाद से किया अरेस्‍ट, छह वर्षों से था फरार

रायपुर, जेएनएन। प्रतिबंधित संगठन सिमी के फरार एक कथित आतंकी को रायपुर पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। यह आतंकी बीते छह वर्षों से फरार था और पुलिस लगातार इसकी तलाश में जुटी थी। बता दें कि 2013 में सिमी के आतंकियों ने बोधगया और पटना में हुए बम धकामों की जिम्मेदारी ली थी। इस घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी रायपुर में आ कर छिप गए थे, जिन्हें यहां से गिरफ्तार किया गया था।

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पकड़ा गया आतंकी अजहरूद्दीन उर्फ अजहर उर्फ केमिकल अली पिता नईमुद्दीन उर्फ बाबू खान मूल रूप से रायपुर शहर के मौदहापारा का रहने वाला है। 32 वर्षीय यह आरोपी कथित तौर पर आतंकी संगठन के लिए बतौर सहयोगी प्रचार-प्रसार और बैठकें आयोजित करने जैसे काम करता था। आरोप है कि इसी ने साल 2013 में धमाके के बाद आतंकियों को रायपुर में छिपाने में अहम भूमिका निभाई थी। बम धमाकों के बाद वह फरार हो गया था।

साल 2013 में बोधगया और पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट के कुछ समय बाद ही रायपुर में आतंकियों के पकड़े जाने की खबरें आई थीं। पुलिस ने इस मामले में अब तक 17 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस को आरोपी केमिकल अली के फ्लाइट से हैदराबाद आने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस टीम हैदराबाद भेजी गई। आतंकी को एयरपोर्ट पर ही घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया गया था। एसएसपी आरिफ शेख और सीएसपी त्रिलोक बंसल ने बताया कि वर्ष 2013 में सिमी का प्रचार प्रसार करने वाले सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।  

बता दें कि 07 जुलाई, 2013 को बोधगया में महाबोधि मंदिर और उसके आसपास  एक के बाद एक नौ बम धमाके हुए थे। आतंकियों महाबोधि वृक्ष के नीचे दो बम लगाए थे इनमें एक सिलेंडर बम भी था। एनआईए ने अपनी जांच में पाया था कि आतंकियों ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई का बदला लेने के लिए इन बम धमाकों को अंजाम दिया था। पांच धमाके महाबोधि मंदिर परिसर के भीतर हुए थे, तीन तेरगर मठ में हुए थे जहां करीब 200 प्रशिक्षु भिक्षु रहते थे। इनके अलावा एक-एक धमाके 80 फुट की बुद्ध प्रतिमा के पास और बाइपास के करीब बस स्टैंड पर हुए थे।


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