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यूपी में दो पूर्व मंत्रियों की गिरफ्तारी के लिए छापे

उत्तर प्रदेश श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) घोटाले की जाच कर रही कोऑपरेटिव सेल की विशेष जाच शाखा (एसआइबी) ने को पूर्व शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र व पूर्व लघु उद्योग मंत्री चंद्रदेव राम यादव की तलाश शुरू कर दी है। इस संबंध में एजेंसी ने छापेमारी भी तेज कर दी है। मिश्र के दिल्ली और यादव

By Edited By: Published: Sat, 27 Oct 2012 08:48 AM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2012 09:02 AM (IST)
यूपी में दो पूर्व मंत्रियों की गिरफ्तारी के लिए छापे

लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) घोटाले की जाच कर रही कोऑपरेटिव सेल की विशेष जाच शाखा (एसआइबी) ने को पूर्व शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र व पूर्व लघु उद्योग मंत्री चंद्रदेव राम यादव की तलाश शुरू कर दी है। इस संबंध में एजेंसी ने छापेमारी भी तेज कर दी है। मिश्र के दिल्ली और यादव के लखनऊ में होने की खबर है। इस बीच अदालत ने दोनों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किए हैं।

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गुरुवार सुबह एसआइबी की टीम भदोही के औराई थाना क्षेत्र में रंगनाथ मिश्र के आवास पर पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक मिश्र को इसकी पहले ही भनक लग गई और वह फरार हो गए। एसआइबी की दूसरी टीम आजमगढ़ के सिधारी क्षेत्र में पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव के आवास पर पहुंची। टीम ने यादव के परिवारीजनों से पूछताछ की। उल्लेखनीय है 24 मई, 2010 को लैकफेड को राजकीय निर्माण एजेंसी का दर्जा मिलने के बाद चंद्रदेव यादव ने संस्था को काम देने के लिए कमीशन लिया, जबकि रंगनाथ मिश्र ने उच्चीकृत प्राथमिक विद्यालयों के अपग्रेडेशन के लिए 25 विद्यालयों के निर्माण का कार्य लैकफेड को दिया। उनके निर्देश पर संस्था को अग्रिम भुगतान किया गया।

लैकफेड को दिए गए करीब 14 करोड़ रुपये में दस प्रतिशत कमीशन लेने का मिश्र पर आरोप है। इसी घोटाले के सिलसिले में जाच एजेंसी ने शुक्रवार को पूर्व व्यवसायिक शिक्षा मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण से कई घटे पूछताछ की। चौधरी ने एसआइबी के सवालों के जवाब देने में अनभिज्ञता जताई। एसआइबी ने उन्हें पूरी तैयारी के साथ छह नवंबर को आने के लिए कहा है।

रंगनाथ व अवधपाल के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

उत्तर प्रदेश शासन ने मायावती सरकार में मंत्री रहे रंगनाथ मिश्र और अवधपाल सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति प्रदान कर दी है। लोकायुक्त की सिफारिश पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार की जाच कर रहे सतर्कता विभाग ने बीते माह दोनों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सरकार से अनुमति मागी थी। मुकदमा दर्ज करने की सरकार की अनुमति मिलने से दोनों पूर्व मंत्रियों की मुसीबत बढ़ गई है। सतर्कता विभाग अब इन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। ध्यान रहे राज्य सरकार की एजेंसिया बसपा सरकार में रहे आधा दर्जन मंत्रियों की जाच कर रही हैं। इनमें नसीमुद्दीन, बादशाह सिंह, बाबू सिंह कुशवाहा, रामवीर उपाध्याय और अयोध्या प्रसाद पाल शामिल हैं। सभी के खिलाफ पद का दुरुपयोग, आय से अधिक संपत्ति, निर्माण कार्यो में धन उगाही आदि गंभीर आरोप हैं।

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