नाले की गैस को भारतीय ने कराया पेटेंट, पीएम मोदी ने भी की थी तारीफ
रायपुर के श्याम राव सिर्के ने किया है अनोखा आविष्कार,पीएम मोदी ने की थी तारीफ, राहुल गांधी ने कर्नाटक में अपनी सभा के दौरान कसा था तंज।
रायपुर [जेएनएन]। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहने वाले श्याम राव सिर्के के आविष्कार ने उन्हें अचानक चर्चा में ला दिया है। बायोफ्यूल डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में नाले की गैस से चाय बनाने वाले इस शख्स का किस्सा सुनाया था। इस उदाहरण के बाद कई लोग पीएम मोदी से सहमत नहीं दिखे।
यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक रैली के दौरान मोदी के किस्से पर तंज कसा था, लेकिन श्याम राव ने उनके तंज को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनके बनाए इक्यूपमेंट को साइंस सेंटर के वैज्ञानिकों ने जांचा और उसके बाद उस प्रोजेक्ट का उन्होंने ग्लोबल पेटेंट करवा लिया। इसके प्रमाण उनके पास उपलब्ध हैं।
ऐसे एकत्र की गैस
श्याम राव ने बताया कि 2016 में उन्होंने नाली का पानी इकट्ठा किया। फिर उसमें उठने वाले बुलबुलों को इकट्ठा करने के लिए मिनी ‘कंडक्टर’ बनाया। गैस होल्डर के रूप में उन्होंने एक ड्रम का इस्तेमाल किया। फिर ड्रम में इकट्ठा गैस को गैस चूल्हे से जोड़ कर चाय बनाई। इसके बाद इस सिस्टम के इस्तेमाल से उन्होंने अपने घर में खाना बनाया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र, रायपुर के वैज्ञानिक डॉ. अमित दुबे ने बताया कि श्याम राव सिर्के का बनाया इक्यूपमेंट काफी कारगर था। इसे वृहद स्तर तक पहुंचाने के लिए हमारे संस्थान ने उन्हें 40 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। कुछ समय बाद जब उन्होंने बताया कि निगम के सफाई कर्मचारियों ने उनके इक्यूपमेंट को फेंक दिया तब हमने एफआइआर करवाने की सलाह दी थी।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र ने की मदद
छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र ने श्याम राव को उनके इनोवेशन को वृहद स्तर पर ले जाने के लिए 40 हजार रुपये की सहायता की। इसके बाद उन्होंने इस सिस्टम को नाले में लगाया तो तीन दिनों में काफी गैस इकट्ठा हो गई। कुछ वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि उनके प्रोजेक्ट से जुड़े पेपर उच्च अधिकारियों को भेजे गए हैं। इस बात को दो साल हो चुके थे और वे इसे भूल चुके थे, लेकिन जब प्रधानमंत्री ने उनकी खोज का जिक्र किया तो उनका हौसला बढ़ गया।
निगम के कर्मचारियों ने फेंक दिए उपकरण
नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने नाले में लगे उपकरण को फेंक दिया, जिससे वे काफी आहत हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अधिकारियों ने उन्हें एफआइआर दर्ज कराने को कहा था, लेकिन निराशा के चलते उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि नाले मीथेन गैस और प्रदूषण उत्सर्जित कर रहे हैं। इनका ईंधन के रूप में इस्तेमाल करना राष्ट्रीय हित में है।