Move to Jagran APP

अगर निश्चिय दृढ़ हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है, शोएब के साथ भी था ऐसा ही कुछ

शोएब ने परेशानियों से जूझकर नीट के एग्‍जाम में न सिर्फ पाई बल्कि वो शीर्ष पर भी रहे। इसके पीछे थी उनकी मेहनत। कोविड-19 से बचाव को लेकर जब लॉकडाउन का एलान हुआ तो वो घबराए नहीं बल्कि इसका पूरा फायदा उठाया।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 01:37 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 01:37 PM (IST)
अगर निश्चिय दृढ़ हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है, शोएब के साथ भी था ऐसा ही कुछ
शोएब आफताब नीट एग्‍जाम में अव्‍वल नंबर लाने वाले इंसान हैं।

जयपुर (नरेन्द्र शर्मा)। शोएब आफताब। यह वो नाम है, जो इन दिनों मेडिकल की तैयारी करने वाले हर छात्र के लिए मिसाल बन गया है। ओडिशा के राउरकेला निवासी शोएब ने नीट में परफेक्ट स्कोर करके यह बता दिया है कि परीक्षा जितनी भी कठिन हो, राह में अड़चनें जितनी भी हों, अगर दृढ़ निश्चिय कर लिया जाए तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। फिर भले ही इसके लिए कई सुख त्यागने ही क्यों न पड़ें, घर से ढाई साल तक दूर ही क्यों न रहना पड़े। अगर ठान लिया जाए तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

loksabha election banner

पिता ने व्यवसाय में नुकसान के बाद भी भेजा कोटा :

शोएब के पिता शेख मुहम्मद अब्बास कारोबारी हैं और मां सुल्ताना रिजया गृहिणी। परिवार ने एक सपना देखा था कि बेटे को डॉक्टर बनाना है। इसके लिए बेटे ने मन लगाकर पढ़ाई की और पिता ने उसकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। एक दौर ऐसा भी आया जब लगा कि कहीं यह सफर रुक न जाए। शोएब बताते हैं कि जब मैं आठवीं में था तो पिता को बिजनेस में बहुत घाटा हो गया था। उन्हें बिजनेस बदलना पड़ा। तमाम संकट आए। फिर भी जब कोटा में कोचिंग की बात आई तो उन्होंने मना नहीं किया। मेरी सफलता में मां की भी अहम भूमिका रही। जब मैं ओडिशा से कोटा आ गया तो वह भी मेरे साथ कोटा में ही रहीं, ताकि मुझे कोई परेशानी न हो और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित कर पाऊं। पढ़ाई के लिए ढाई साल तक मैं घर से दूर रहा।

लॉकडाउन का उठाया फायदा :

कोरोना के कारण लॉकडाउन तमाम मुश्किलें लेकर आए, लेकिन अगर ठान लिया जाए तो मुश्किल समय को भी फायदे में बदला जा सकता है। कुछ ऐसा ही शोएब ने किया। वह कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान जब मेरे सभी साथी अपने घरों को चले गए थे, तब भी मैं कोटा में ही रहा। अपनी पढ़ाई जारी रखी। मैंने एलन कोचिंग में दाखिला लिया था। लॉकडाउन में भी कोचिंग से संपर्क बनाए रखा। यही वजह है कि इसका लाभ मुझे मिला।

आगे का लक्ष्य :

नीट में टॉप करने के बाद शोएब का लक्ष्य कार्डियोंलॉजी में विशेषज्ञता हासिल कर दिल से जुड़ी बीमारियों का इलाज खोजना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.