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शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में 22 लाख किसानों को 4688 करोड़ रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया

प्रदेश के 22 लाख किसानों को फसल बीमा की 4688 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया गया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 02:13 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 02:13 PM (IST)
शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में 22 लाख किसानों को 4688 करोड़ रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया
शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में 22 लाख किसानों को 4688 करोड़ रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया

भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमा फसल योजना के तहत उज्जैन में किसानों के खाते में राशि का भुगतान किया। प्रदेश के 22 लाख किसानों को फसल बीमा की 4688 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया गया है। शुक्रवार को कालिदास अकादमी में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर की। कोरोना संकट के कारण चुनिंदा किसानों को बुलाया गया था। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने  माधवनगर अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बने आइसीयू वार्ड का भी लोकार्पण किया।

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बता दें कि लोकसभा में किसानों के हितों के लिए दो विधेयक पारित हुए हैं। हालांकि विपक्ष और सरकार का घटक दल शिरोमणि अकाली दल इसका विरोध कर रहा है। सरकार में मंत्री रहीं एसएडी की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कृषि विधेयक के खिलाफ मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सरकार का कहना है कि इन विधेयकों से किसानों का फायदा होगा।

आपको बता दें कि इससे जुड़े जो दो विधेयक पास हुए हैं उनमें एक है कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020, तीसरा है कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि ये विधेयक किसान विरोधी न होकर उन्‍हें उनकी उपज का उचित मूल्‍य दिलाने में सहायक साबित होंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि ये विधेयक किसानों को आजादी देने वाला विधेयक है। पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि इन विधेयकों के बावजूद देश में एमएसपी और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। इन विधेयकों के पारित होने के बाद किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले फसल की खरीद केवल मंडी में ही होती थी। 

अब दाल, आलू, प्याज, अनाज और खाद्य तेल आदि को आवश्यक वस्तु नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी है। कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग (अनुबंध कृषि) को बढ़ावा देने पर भी काम शुरू होगा। राज्यों के अधिनियम के अंतर्गत संचालित मंडियां भी राज्य सरकारों के अनुसार चलती रहेगी किसानों का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु प्रावधान है कि देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाएं।


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