किसान आंदोलन ने लगाया शिवराज सिंह की छवि को झटका
भाजपा का दावा है कि हिंसक हुए किसान आंदोलन के पीछे राजनीतिक विरोधियों का हाथ है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सबसे तेज गति से कृषि विकास दर को उपर ले जाने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि को किसान आंदोलन ने बड़ा झटका दे दिया है। हालांकि राज्य से लेकर केंद्र तक भाजपा स्थिति को संभालने में जुटी है। लेकिन माना जाने लगा है कि देर सबेर शिवराज की यह चूक कहीं भारी न पड़ जाए।
भाजपा का दावा है कि हिंसक हुए किसान आंदोलन के पीछे राजनीतिक विरोधियों का हाथ है। जबकि यह भी सच्चाई है कि अंदरूनी तौर पर भी कई लोग इसे हवा दे रहे हैं। जो भी हो शिवराज के कार्यकाल पर किसानों की मौत ने धब्बा लगा दिया है। दरअसल, एक प्रशासक के रूप में शिवराज की छवि पर बट्टा लगा है। पहले दिन की हिंसा के बावजूद दूसरे दिन भी यह कायम रहा और प्रशासन भागता दिखा। किसानों के पसंदीदा नेता शिवराज तक उग्र किसानों के बीच नहीं जा पाए। राहत की राशि बढ़ाकर आंदोलन को थामने की कोशिश हुई लेकिन वह भी निरर्थक रहा।
गुरुवार को भी शिवराज ने बयान जारी कर हर वार्ता के लिए सरकार की तैयारी की बात कही लेकिन स्थिति नहीं संभली। ऐसे में केवल विरोधी दलों के सिर ठीकरा फोड़ना खुद भाजपा के लोगों को भी रास नहीं आ रहा है। सूत्रों की मानी जाए तो अगर जल्द से जल्द स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आया तो शिवराज के लिए स्थिति बिगड़ सकती है। ध्यान रहे कि लंबे समय से प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भी अटकल लगती रही है।
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