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बाघिन सुंदरी की कैद से शिवराज चौहान दुखी, कहा- ओडिशा सरकार करे देखभाल

मध्य प्रदेश के जंगलों से ओडिशा भेजी गई बाघिन सुंदरी की व्यथा-कथा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को व्यथित कर दिया है। उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर सतकोशिया टाइगर रिजर्व में उसकी बेहतर देखरेख करने का अनुरोध किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 08:57 PM (IST)
बाघिन सुंदरी की कैद से शिवराज चौहान दुखी, कहा- ओडिशा सरकार करे देखभाल
मध्य प्रदेश के जंगलों से ओडिशा भेजी गई बाघिन सुंदरी

भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्य प्रदेश के जंगलों से ओडिशा भेजी गई बाघिन सुंदरी की व्यथा-कथा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को व्यथित कर दिया है। उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर न सिर्फ अपने दुख का इजहार किया है, बल्कि कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघिन को रखने का इंतजाम होने तक सतकोशिया टाइगर रिजर्व में ही उसकी बेहतर देखरेख करने का अनुरोध किया है। बाघिन 29 जून 2018 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सतकोशिया भेजी गई थी और नवंबर 2018 से बाड़े में कैद है, जहां उसकी ठीक से देखरेख भी नहीं हो रही है। 

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बाघिन को वापस लाकर कान्हा टाइगर रिजर्व में रखने की तैयारी 

मुख्यमंत्री चौहान ने पत्र में लिखा है कि ओडिशा सरकार के अनुरोध पर बाघ महावीर और बाघिन सुंदरी को बाघ पुनस्‍थापना कार्यक्रम के तहत जून 2018 में सतकोशिया भेजा गया था। बाघ महावीर की नवंबर 2018 में मौत हो गई और बाघिन को बाड़े में रख दिया गया। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि पता चला है कि सतकोशिया में सुंदरी की देखरेख वन्यजीव अधिनियम के मानकों के अनुरूप नहीं हो रही है। जिस कारण उसका व्यवहार बदल गया है। चौहान ने बताया है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) बाघिन को वापस मध्य प्रदेश लाने की अनुमति दे चुका है, पर यहां से भेजे गए विशेषज्ञों ने पाया है कि लंबे समय से बाड़े में रह रही सुंदरी मानव उपस्थिति की आदी हो चुकी है इसलिए उसे खुले क्षेत्र में नहीं रखा जा सकता है। 

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया है कि एनटीसीए ने कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ सफारी की अनुमति दे दी है। इनके निर्माण के बाद सुंदरी को कान्हा पार्क के घोरेला केंद्र में रखा जा सकता है। अभी इस केंद्र में एक अनाथ बाघ शावक शिकार का प्रशिक्षण ले रहा है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इसे खुले वन क्षेत्र में मुक्त करने के बाद बाघिन को यहां लाया जा सकता है। तब तक बाघिन सतकोशिया में ही रहेगी, पर उसकी देखरेख का प्रबंध बेहतर हो जाए, ऐसे निर्देश संबंधितों को दें। 

पार्क को आबाद करने भेजे थे बाघ-बाघिन 

वर्ष 2007 में बाघ विहीन हुए सतकोशिया टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद करने के लिए बाघिन सुंदरी और बाघ महावीर को वहां भेजा गया था। एनटीसीए ने बाघ संरक्षण कार्यक्रम के तहत तीन बाघ और तीन बाघिन भेजने की अनुमति दी थी। शेष चार बाघों को भेजने की प्रक्रिया शुरू होती, उससे पहले ही नवंबर 2018 में बाघ महावीर का शव पार्क की झाडि़यों में मिला था। बाघ को जहर देखकर मारा गया था। वहीं सुंदरी को भी मारने का प्रयास हुआ। जिसे देखते हुए उसे एक बाड़े में कैद कर दिया गया।


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