यौन शोषण में घिरे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज
सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज पर प्रशिक्षु (इंटर्न) महिला वकील द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल संज्ञान लिया है। न्याय के मंदिर की साख बचाने केलिए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने आरोपों की जांच के लिए तीन न्यायाधीशों की कमेटी गठित की है। न्यायमूर्ति आरएम लोधा, न्यायमूर्ति एचएल दत्तू व न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की कमेटी आरोपों की जांच कर मुख्य न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट देगी।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज पर प्रशिक्षु (इंटर्न) महिला वकील द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल संज्ञान लिया है। न्याय के मंदिर की साख बचाने केलिए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने आरोपों की जांच के लिए तीन न्यायाधीशों की कमेटी गठित की है। न्यायमूर्ति आरएम लोधा, न्यायमूर्ति एचएल दत्तू व न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की कमेटी आरोपों की जांच कर मुख्य न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट देगी।
मालूम हो कि एक प्रशिक्षु महिला वकील ने जर्नल ऑफ इंडियन लॉ एंड सोसाइटी के ब्लॉग पर और एक वेबसाइट को दिए गए साक्षात्कार में सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। वकील का आरोप है कि गत वर्ष दिसंबर में जब दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म कांड के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था उस समय सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। उसका आरोप है कि उस समय वह उस जज की इंटर्न थी। हालांकि महिला वकील ने जज के नाम का खुलासा नहीं किया है। लेकिन कहा है कि वह जज अभी हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं।
मंगलवार को एक अंग्रेजी अखबार में इस बाबत खबर छपने के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुबह से ही घटना की गूंज सुनाई देने लगी। सुबह 10:30 बजे जैसे ही कोर्ट की कार्रवाई शुरू हुई, वकील एमएल शर्मा ने अखबार में आई खबर का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश पी. सतशिवम की पीठ से घटना पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया। पीठ ने उस वक्त कोई आदेश पारित नहीं किया। दोपहर में करीब 2:15 बजे अटार्नी जनरल जीई वाहनवती ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश होकर अपनी याचिका का जिक्र किया, जिसमें प्रशिक्षु महिला वकील की ओर से लगाए गए आरोपों पर संज्ञान लेने की मांग की गई थी। वाहनवती ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है। उनकी दलीलों पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि संस्था के मुखिया होने के नाते वह स्वयं भी आरोपों को लेकर गंभीर हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों को हल्के से नहीं लिया जा सकता। उन्हें भी आरोपी के बयान की सच्चाई जानने की उत्कंठा है। इस बारे में कदम उठाए गए हैं। सुबह उनके सामने मामले का जिक्र किया गया था, इसके बाद भोजनावकाश में अन्य न्यायाधीशों के साथ इस पर विचार-विमर्श हुआ। मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि ंउन्होंने तीन न्यायाधीशों की एक कमेटी गठित की है, जो आरोपों की जांच कर सत्यता का पता लगाएगी।
कमेटी जल्दी से जल्दी अपनी रिपोर्ट दे देगी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस सतशिवम ने कहा कि जजों के साथ काम करने वाले इंटर्न और वकीलों का रिकार्ड रखा जाता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट आने वालों का भी रिकार्ड रहता है। कमेटी इन सब पर विचार करेगी।
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