मनी लांड्रिंग मामले में PFI और एक संबंधित NGO के सात पदाधिकारी तलब
ईडी के जांच अधिकारी के सामने आज पेश होने का आदेश। पीएफआइ और रिहैब इंडिया के खिलाफ 2018 में दर्ज हुआ था केस।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) और उससे जुड़े एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के सात पदाधिकारियों को तलब किया है। इन सभी के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच चल रही है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि केरल स्थित पीएफआइ और रिहैब इंडिया फाउंडेशन के पदाधिकारियों को इस मामले की जांच कर रहे ईडी के अधिकारी के सामने बुधवार को पेश होने को कहा गया है।
पीएमएलए जांच के तहत इन पदाधिकारियों को ऐसे समय में तलब किया गया है, जबकि ईडी ने एक दिन पहले ही कहा था कि उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे ¨हसक प्रदर्शनों के पीछे पीएफआइ का हाथ है। इन प्रदर्शनों के लिए पीएफआइ की तरफ से पैसे दिए जाने के सुबूत भी ईडी को मिले हैं। हालांकि, पीएफआइ ने ईडी के इन आरोपों को आधारहीन करार दिया है। उसका कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा उसके संगठन को दबाने की कोशिश का यह हिस्सा है।
ईडी ने साल 2018 में पीएफआइ के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी रिहैब इंडिया के नौ बैंक खातों से किए गए लेन-देन की भी जांच कर रही है।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन से जुड़े हैं पीएफआइ के तार
बता दें कि ईडी ने पीएफआइ, उससे जुड़े संगठनों और व्यक्तियों के 73 बैंक खातों की गहराई से जांच पड़ताल करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें कहा गया है कि हाल के दिनों में इन खातों में 120 करोड़ रुपये जमा कराए गए। यह नहीं इतनी बड़ी रकम जमा कराए जाने के दिन ही या उसके एक-दो दिन के भीतर निकाल भी ली गई। पीएफआइ के दस और रिहैब इंडिया के पांच बैंक खातों में तो चार दिसंबर से छह जनवरी के बीच एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा कराई गई। ये पैसे उसी दिन या उसके एक-दो नि के भीतर निकाल भी लिए गए। पैसे उस-उस दिन निकाले गए जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे।