Corona Vaccine News: देश में कोरोना वैक्सीन के दूसरे व तीसरे चरण के ह्यूमैन ट्रायल का रास्ता साफ
संशोधित प्रस्ताव के मुताबिक कंपनी के इस ट्रायल में एम्स समेत 17 चयनित स्वास्थ्य केंद्रों पर 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के 1600 लोग शामिल होंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना मामलों पर विषय विशेषज्ञ समिति ने देश के दवा नियामक से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ह्यूमैन ट्रायल के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को अनुमति देने की सिफारिश की है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने पीटीआइ से कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की इस समिति की सिफारिशों को भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को भेज दिया गया है। समिति ने कहा है कि एसआइआइ से प्रोटोकाल में कुछ सुधार करने के साथ ही अन्य सूचनाएं मांगी गई थी। कंपनी ने बुधवार को संशोधित प्रस्ताव जमा किया।
सूत्रों ने बताया कि एसआइआइ के संशोधित प्रस्ताव पर विचार करने के लिए शुक्रवार को विशेषज्ञ समिति की आपात बैठक हुई। इसमें कंपनी को दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश करने का फैसला किया गया।
ट्रायल में 1600 लोग होंगे शामिल
संशोधित प्रस्ताव के मुताबिक कंपनी के इस ट्रायल में एम्स समेत 17 चयनित स्वास्थ्य केंद्रों पर 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के 1,600 लोग शामिल होंगे। कंपनी अपनी वैक्सीन 'कोवीशील्ड' की सुरक्षा और प्रतिरक्षा क्षमता विकसित करने के गुणों का आकलन करेगी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने यह वैक्सीन विकसित की है। इसके दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। भारत में इस वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल करने के साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट इसका उत्पादन भी करेगी। एसआइआइ और एस्ट्राजेनेका के बीच इसको लेकर करार हो चुका है।
इस वैक्सीन की प्रारंभिक परीक्षण की रिपोर्ट सकारात्मक आई है। यह वैक्सीन एंटीबॉडी बनाने के साथ ही व्हाइट ब्लड शेल भी पैदा करती है, जिसे किलर यानी टी-शेल भी कहते हैं।
नहीं हो रहा कम्युनिटी ट्रांसमिशन
वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में पहुंचने की आशंका से भी इनकार कर दिया। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि जब तक कोरोना वायरस का टीका नहीं बन जाता तब तक इस संबंध में उचित आचार-व्यवहार का पालन करना होगा। राजेश भूषण से जब पूछा गया कि क्या भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी विकसित हो रही है तो उन्होंने जवाब दिया कि सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारी से परोक्ष बचाव का एक तरीका है।