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'कोविशील्‍ड' वैक्‍सीन को अप्रूवल का है इंतजार, सीरम इंस्‍टीट्यूट ने पीएम मोदी व भारत सरकार से कहा- 'शुक्रिया'

सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) की ओर से वैक्‍सीन कोविशील्‍ड के लिए मंजूरी मांगी गई है। भारत में विकसित की जान वाली यह पहली वैक्‍सीन है। इस क्रम में ब्रिटेन ने भी फाइजर वैक्‍सीन को मंजूरी दे दी है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 01:00 PM (IST)
'कोविशील्‍ड' वैक्‍सीन को अप्रूवल का है इंतजार, सीरम इंस्‍टीट्यूट ने पीएम मोदी व भारत सरकार से कहा- 'शुक्रिया'
भारत में विकसित वैक्‍सीन 'कोविशील्‍ड' को अप्रूवल का इंतजार

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारत में विकसित पहली वैक्‍सीन कोविशील्‍ड के लिए सीरम इंस्‍टीट्यूट ने मंजूरी मांगी है और इसके लिए आवेदन भी किया है। वैक्‍सीन विकसित करने वाले सीरम इंस्‍टीट्यूट की ओर से यह जानकारी दी गई है। सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) की ओर से वैक्‍सीन कोविशील्‍ड के लिए मंजूरी मांगी गई है। यह पहला ऐसा वैक्‍सीन है जो भारत में विकसित किया गया है।

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सीरम इंस्‍टीट्यूट के के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा, ' वैक्‍सीन को विकसित करने में दिए गए समर्थन के लिए मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं। 2020 के अंत तक वैक्‍सीन लाने के लिए किए गए वादे के अनुसार, इंस्‍टीट्यूट की ओर से स्‍वदेशी वैक्‍सीन कोविशील्‍ड के इमर्जेंसी उपयोग के लिए मंजूरी मांगी गई है और इसके लिए आवेदन भी किया गया है। इससे अनगिनत जिंदगियों को बचाया जा सकेगा।'  दुनिया का सबसे बड़ा वैक्‍सीन निर्माता सीरम इंस्‍टीट्यूट के अनुसार एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन कोविशील्‍ड के लिए 2-8 डिग्री तापमान की आवश्‍यकता होती है। साथ ही भारत में इसके आसान वितरण की भी बात कही। 

इस वैक्‍सीन की मंजूरी के लिए इंस्‍टीट्यूट ने ड्रग्‍स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास आवेदन किया है। इस आवेदन में वैक्‍सीन के चार क्‍लिनिकल स्‍टडी का जिक्र किया गया है। इनमें से दो ब्रिटेन, एक ब्राजील और एक भारत में किया गया है। इन स्‍टडी के बाद सकारात्‍मक परिणाम सामने आया है जिसके अनुसार कोविशील्‍ड में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव की पूरी क्षमता है।  इससे पहले शनिवार को फाइजर ने भी भारत में अपनी वैक्‍सीन के लिए इजाजत मांगी है। ब्रिटेन में इसी सप्‍ताह वैक्‍सीन प्रोग्राम शुरू कर दी जाएगी। 

चीन के तमाम प्रांतीय सरकार कोरोना वायरस वैक्‍सीन के लिए प्रायोगिक व घरेलू इस्‍तेमाल के लिए ऑर्डर दे रहे हें। हालांकि स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों की ओर से अभी यह नहीं बताया गया है कि इस वैक्‍सीन में संक्रमण से बचाव के लिए कितनी क्षमता है और यह देश की 1.4 बिलियन जनता के बीच कैसे पहुंचेगा।  


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