Move to Jagran APP

20 साल...4000 पत्र...कुछ इस तरह शहीदों को याद करता है यह सुरक्षा गार्ड

सूरत का एक सुरक्षा गार्ड पिछले 20 सालों से शहीद जवानों के परिजनों को पोस्टकार्ड (पत्र) भेज रहा है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 10:34 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 10:41 AM (IST)
20 साल...4000 पत्र...कुछ इस तरह शहीदों को याद करता है यह सुरक्षा गार्ड
20 साल...4000 पत्र...कुछ इस तरह शहीदों को याद करता है यह सुरक्षा गार्ड

नई दिल्ली, एएनआइ। सूरत का एक सुरक्षा गार्ड पिछले 20 सालों से शहीद जवानों के परिजनों को पोस्टकार्ड (पत्र) भेज रहा है। इनकी यह पहल न जाने कितने शहीदों के परिजनों के चेहरे पर थोड़ी से मुस्कान ले आती है। इनका नाम जितेंद्र सिंह हैं, जो अबतक चार हजार से ज्यादा पोस्टकार्ड शहीदों के परिजनों को भेज चुके हैं। जितेंद्र बताते हैं कि वे पिछले 20 सालों से ऐसा कर रहे हैं और इससे शहीदों को परिजन खुश होते हैं, यह सोचकर कि आज भी उन्हें कोई याद करता है।

loksabha election banner

जितेंद्र ने बताया कि जब वे शहीद जवानों के परिवारवालों से मिलते हैं, तब वे 'शहीद स्मारक' बनाने के लिए उनके घरों से थोड़ी मिट्टी इकट्ठा करते हैं। जितेंद्र का कहना है कि जिस परिवार ने अपने बेटे, पति और पिता को भारत के लोगों की सेवा व सुरक्षा के लिए सेना में भेजा, इस कार्य के जरिए उनका उद्देश्य शहीद के परिजनों को आभार व्यक्त करना है।

जितेंद्र ने आगे बताया कि कब उनके जहन में शहीद के परिजनों को पोस्टकार्ड भेजने का विचार आया। वे बताते हैं, 'कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों ने अपने घरों (परिजनों) के लिए पत्र लिखे थे और जब तक वे पत्र उनके घर पहुंचे, तब तक वे युद्ध में शहीद हो गए। तब में शहीदों के परिजनों को पत्र लिखने के लिए प्रेरित हुआ। मैंने एक बार उस शख्स से बात की थी जिन्होंने युद्ध में अपना बेटा खो दिया था, उन्होंने तक कहा था कि ऐसा लग रहा है कि मैं अपने बेटे से बात कर रहा हूं।'

जितेंद्र आगे बताया, 'मैंने 1999 के कारगिल युद्ध के बाद से इन पत्रों को लिखना शुरू किया। मुझे लगता है कि सेना में होना कठिन काम है और शहीदों के सम्मान करना देश का कर्तव्य है, जिन्होंने हमारे लिए अपने जीवन को त्याग दिया। ऐसे कई लोग हैं जो अपनों को खो देने के बाद से दुखों के साये में जी रहे हैं। हमें उन परिवारों के प्रति हमारे नैतिक कर्तव्यों को पूरा करना चाहिए।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.