चीनी सैनिकों पर नजर रखने के लिए मांगे चार से छह सेटेलाइट, सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार से किया आग्रह
रक्षा सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हाई रिजल्यूशन वाले कैमरों और सेंसर से युक्त चार से छह सेटेलाइट की जरूरत महसूस की जा रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय क्षेत्र और चीन के भीतरी इलाकों में चीनी सैनिकों की हरकतों पर नजर रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार से चार से छह सेटेलाइट की मांग की है।
चीन के शिनजियांग प्रांत में भीतरी इलाके में युद्ध अभ्यास शुरू करने की आड़ में करीब 40 हजार सैनिकों को भारी साजोसामान के साथ भारतीय सीमा पर विभिन्न इलाकों में तैनात करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को इन सेटेलाइट की जरूरत महसूस हुई है। समझा जा रहा है कि चीन की सेना की मंशा लेह सहित विभिन्न इलाकों में अचानक हमला कर भारतीय सेना को झटका देने की है। इस क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी फिलहाल 14वीं कोर की है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हाई रिजल्यूशन वाले कैमरों और सेंसर से युक्त चार से छह सेटेलाइट की जरूरत महसूस की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों को यह सेटेलाइट मिलने से चीन की निगरानी के लिए हमारी दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। भारतीय सेना के पास कुछ सैन्य सेटेलाइट हैं लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं। निगरानी क्षमता बढ़ाने के लिए इनकी संख्या बढ़ाना जरूरी है।
सीमा के कई इलाकों में सैनिक हैं तैयार
वर्तमान समय में चीन की सेना फिंगर एरिया और पैंगोंग झील के पास कब्जा जमाए हुए है। यहां तैनात सैनिक हटने को तैयार नहीं हैं। चीनी सेना फिंगर 5 इलाके में एक निगरानी चौकी बनाना चाहती है। इसी तरह गोगरा में भी वह अपने पैर जमाए हुए है। चीन की गतिविधियों के बारे में स्पष्टता न होने के कारण ही लद्दाख में भारतीय सेना को चीन के मुकाबले अपने सैनिक बढ़ाने में समय लगा। चीन ने लद्दाख की तरह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगे इलाकों में भी अपने सैनिक तैयार कर दिए हैं। हालांकि इन मोर्चो पर सैनिक थोड़ा पीछे के इलाके में हैं। रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि चीन की सेना ने कई स्थानों पर भारतीय भूमि पर कब्जा कर रखा है।