राजन को वापस लाने इंडोनेशिया पहुंची सुरक्षा एजेंसियां
अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन को भारत वापस लाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम इंडोनेशिया के बाली शहर पहुंच गई है। टीम में सीबीआइ, मुंबई और दिल्ली पुलिस के अधिकारी शामिल हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन को भारत वापस लाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम इंडोनेशिया के बाली शहर पहुंच गई है। टीम में सीबीआइ, मुंबई और दिल्ली पुलिस के अधिकारी शामिल हैं। दो दिन पहले ही भारत सरकार ने इंडोनेशिया से राजन की वापसी को लेकर एक पत्र लिखा था, ताकि उसके खिलाफ यहां मुकदमा चलाया जा सके। छोटा राजन को फिलहाल बाली द्वीप के जेल में रखा गया है।
उधर, एजेंसी की खबरों के मुताबिक जकार्ता के भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव संजीव कुमार अग्रवाल ने रविवार को जेल में छोटा राजन से मुलाकात की। यह पहला मौका है, जब किसी भारतीय अधिकारी ने वहां राजन से भेंट की है। अग्रवाल करीब आधे घंटे राजन के साथ रहे।बाली से मिल रहे समाचारों के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों के दल को स्थानीय प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा उपलब्ध कराई है। टीम के साथ इंडोनेशियाई पुलिस के विशेष कमांडो का दस्ता हर वक्त रहेगा। इसी तरह का एक दस्ता राजन की सुरक्षा व्यवस्था में लगा हुआ है।
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अंडरवर्ल्ड के दूसरे गिरोहों से राजन की दुश्मनी और उस पर हमले की आशंका को देखते हुए उसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इंडोनेशियाई पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराए जाने के समय राजन ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि मैं आतंकवाद से लड़ता रहा हूं और आगे भी इसे जारी रखूंगा। इस बीच, इंडोनेशिया में भारतीय उच्चायुक्त गुरजीत सिंह ने कहा है कि राजन को भारत भेजने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, लेकिन इसकी कोई समय सीमा तय नहीं है। 55 वर्षीय राजन को इंटरपोल के रेड कार्नर नोटिस के तहत बाली में गिरफ्तार किया गया था।
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भारत और इंडोनेशिया के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी पहचान को पुख्ता करने के लिए इंडोनेशिया को दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं, ताकि उसका प्रत्यर्पण कराया जा सके। मुंबई में छोटा राजन के खिलाफ सबसे अधिक 75 मामले दर्ज हैं। इनमें 20 मामले हत्या, चार टाडा, एक पोटा और 20 से अधिक मामले मकोका के तहत दर्ज हैं। संयुक्त टीम में सीबीआइ अधिकारियों को इसलिए शामिल किया गया है, क्योंकि यही एजेंसी भारत की तरफ से इंटरपोल से समन्वय बनाने के लिए अधिकृत है।
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