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जानें- कौन हैं जीन एर्नाल्‍ट, जिनके कंधों पर यूएन प्रमुख ने सौंपी है अफगानिस्‍तान की बड़ी जिम्‍मेदारी

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने अफगानिस्‍तान के मुद्दों को सुलझाने और वहां पर शांति बहाली में मदद के लिए जीन एर्नाल्‍ट को अपना निजी दूत नियुक्‍त किया है। जीन को तीन दशकों से अधिक का अनुभव है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 03:26 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 06:44 PM (IST)
जानें- कौन हैं जीन एर्नाल्‍ट, जिनके कंधों पर यूएन प्रमुख ने सौंपी है अफगानिस्‍तान की बड़ी जिम्‍मेदारी
अफगानिस्‍तान की शांति प्रक्रिया में सहयोग देंगे जीन

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने वरिष्‍ठ अनुभवी जीन एर्नाल्‍ट को अफगानिस्‍तान की बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपी है। यूएन प्रमुख ने उन्‍हें वहां के क्षेत्रीय मुद्दों को सुलझाने के लिये अपना नया निजी दूत नियुक्त किया है। जीन अफगानिस्‍तान में यूएन प्रमुख की विशेष प्रतिनिधि डेबराह लियोंस और वहां मौजूद यूएनसहायता मिशन के साथ मिलकर अपने काम को अंजाम देंगे। इस मौके पर यूएन प्रमुख गुटारेस ने कहा है कि जीन की नियुक्ति अफगानिस्‍तान में दशकों से चले आ रहे हिसंक संघर्ष को रोकने में इस वैश्विक संगठन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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आपको बता दें कि जीन फ्रांस के नागरिक हैं। युएन प्रमुख गुटारेस ने उनका निजी दूत के तौर पर चयन इसलिए भी किया है क्‍योंकि उनहोंने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, शांतिपूर्ण निपटारे और मध्यस्थता का करीब 3 दशक से भी ज्‍यादा का अनुभव है। अफगानिस्‍तान में उनके काम करने का ये पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी वो अफगानिस्तान समेत अफ्रीका, एशिया, यूरोप, लेटिन अमेरिका में संयुक्‍त राष्‍ट्र के मिशन के तहत काम कर चुके हैं। वर्ष 2015-2018 तक वो कोलंबिया शांति वार्ता के दौरान यूएन प्रमुख के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा यूएन महासचिव के विशेष दूत के तौर पर उन्‍होंने बोलविया में वर्ष 2019 से 2020 तक अपनी सेवाएं दी थीं।

आपको बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र लंबे समय से हिंसा की मार झेल रहे अफगानिस्‍तान में शांति प्रक्रिया और इसमें क्षेत्रीय सहयोग का बड़ा समर्थक रहा है। यूएन ने कहा है कि आगे भी इस वैश्विक संस्‍था का सहयोग अफगानिस्‍तान में जारी रहेगा। जहां तक जीन की बात है तो वो यहां के मुद्दों को सुलझाने के लिए क्षेत्र के अन्‍य देशों के बीच सामंजस्‍य बिठाने का काम करेंगे। इसके अलावा वो अफगानिस्‍तान में और तालिबान के बीच होने वालो समझौतों में मदद के अलावा ये भी तय करेंगे कि यदि कोई समझौता होता है तो उसके सभी बिंदुओं पर दोनों ही पक्ष खरे उतरें।  

यूएन प्रवक्ता स्‍टीफन दुजैरिक की तरफ से कहा गया है कि यूएन प्रमुख के निजी दूत के तौर पर जीन अफगानिस्‍तान के पड़ोसी देशों से संबंधों को बढ़ाने पर तरजीह देंगे, जिससे वो भी यहां की शांति प्रक्रिया में अपना योगदान दे सकें। । के साथ अच्छे सम्बन्धों को बढ़ावा देना चाहेंगे ताकि देश में शान्ति की दिशा में योगदान दिया जा सके.”

अफगानिस्‍तान में काम करने के दौरान जीन को यूएन के राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों के विभाग (DPPA) से भी सहयोग मिलेगा। ये विभाग यूएन महासचिव को जानकारियां प्रदान करने का काम करता है। इस विभाग की प्रमुख रोजमैरी डीकार्लो ने जीन की नियुक्ति का स्‍वागत किया है और कहा है कि हिंसा की चपेट में आए अफगानिस्‍तान को उनके अनुभव से काफी कुछ हासिल होगा। उन्‍होंने ये भी कहा कि अफगानिस्‍तान को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र की जो प्रतिबद्धता है ये नियुक्ति इसको दर्शाती है।


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