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SC ने की तीखी टिप्पणी, तुम विकास दुबे की तरह खतरनाक, तुम्हें जमानत पर नहीं छोड़ सकते

पीठ ने सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश प्रशासन की खिंचाई करते हुए कहा कि वहां 64 मामलों में आरोपित भी जमानत पा जाता है इसीलिए यह राज्य त्रस्त है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:41 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 11:47 PM (IST)
SC ने की तीखी टिप्पणी, तुम विकास दुबे की तरह खतरनाक, तुम्हें जमानत पर नहीं छोड़ सकते
SC ने की तीखी टिप्पणी, तुम विकास दुबे की तरह खतरनाक, तुम्हें जमानत पर नहीं छोड़ सकते

नई दिल्ली, एजेंसी। तुम विकास दुबे की तरह खतरनाक आदमी हो। तुम्हारे ऊपर आठ मुकदमे चल रहे हैं। तुम्हे जमानत पर नहीं रिहा किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी.रामासुब्रह्माण्यन की पीठ ने आठ मामलों के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की। पीठ ने सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश प्रशासन की खिंचाई करते हुए कहा कि वहां 64 मामलों में आरोपित भी जमानत पा जाता है इसीलिए यह राज्य त्रस्त है।

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चीफ जस्टिस ने मेरठ के खरखौदा निवासी उस्मान की जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपका मुवक्किल बहुत खतरनाक है। हम उसे जमानत पर नहीं छो़ड़ सकते। आप देखिए विकास दुबे मामले में क्या हुआ। याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर जमानत मांगी थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पर एक ही थाने में आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को जेल से कैसे रिहा किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कानपुर के विकास दुबे मुठभेड़ कांड की जांच करने वाली कमेटी से शीषर्ष अदालत ने इस बात की जांच करने को कहा है कि 64 मुकदमों में नामजद शातिर अपराधी को किस आधार पर जमानत मिल गई थी। विकास दुबे और उसके गिरोह ने 2 जुलाई की रात अपने गांव में आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी थी। उसे पुलिस ने उज्जैन में गिरफ्तार किया था।

कानपुर लाते समय भागने की कोशिश में वह पुलिस की गोली से मारा गया। मुठभेड़ कांड में दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे जैसे लोगों को जमानत मिलने पर अफसोस जताते हुए इसे संस्थागत विफलता बताया था। 

इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी प्रशासन की भी खिंचाई की। कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात बेहतर नहीं दिख रहे हैं जिसके कारण लोग पुलिस पर ही हमला कर दे रहे हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखना और वर्दी का खौफ पैदा करना प्रशासन का काम है, यदि वो इसमें कामयाब नहीं होते हैं तो इसका मतलब है कि प्रशासन काम नहीं कर रहा है। मालूम हो कि आठ मुकदमे वाले आरोपित की सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत की अर्जी लगाई थी जिसे सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ठुकरा दिया। 


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