Move to Jagran APP

देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के खिलाफ विकसित हो सकती है अस्थायी हर्ड इम्युनिटी : विशेषज्ञ

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अलग-अलग तरह के सामाजिक समूह हैं। इसलिए यहां व्यापक स्तर पर नहीं बल्कि अलग-अलग हिस्सों में हर्ड इम्युनिटी पैदा हो सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 10:35 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 03:41 AM (IST)
देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के खिलाफ विकसित हो सकती है अस्थायी हर्ड इम्युनिटी : विशेषज्ञ
देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के खिलाफ विकसित हो सकती है अस्थायी हर्ड इम्युनिटी : विशेषज्ञ

नई दिल्ली, पीटीआइ। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अलग-अलग तरह के सामाजिक और आर्थिक समूह हैं। इसलिए यहां व्यापक स्तर पर नहीं, बल्कि अलग-अलग हिस्सों में हर्ड इम्युनिटी पैदा हो सकती है। हालांकि यहां हर्ड इम्युनिटी ज्यादा समय तक टिकने की संभावना नहीं है। दिल्ली और मुंबई में किए गए सिरो सर्वेक्षण में हर्ड इम्युनिटी की उम्मीद जताए जाने के बाद से इस संबंध में कई तरह की राय सामने आ रही है। सरकार का कहना है कि देश में बिना वैक्सीन के हर्ड इम्युनिटी का विकल्प नहीं है।

loksabha election banner

अलग-अलग हिस्सों में हर्ड इम्युनिटी

नई दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी के विज्ञानी सत्यजीत रथ का कहना है कि देश में एक साथ विकसित होने के बजाय अलग-अलग हिस्सों में हर्ड इम्युनिटी पैदा हो सकती है। हालांकि संभव है कि यह हर्ड इम्युनिटी लंबे समय तक नहीं टिकेगी। ऐसे में प्राकृतिक रूप से टिकाऊ हर्ड इम्युनिटी पैदा होने का इंतजार करना देश के लिए सही नीति नहीं हो सकती है।

कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं 

वेलकम ट्रस्ट/डीबीटी इंडिया अलायंस के सीईओ और वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने कहा, 'इस संबंध में कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है कि कितने फीसद आबादी के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकेगी। कोविड-19 का कारण बनने वाले सार्स-सीओवी-2 के लिए माना जा रहा है कि 60 फीसद आबादी के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी हासिल हो जाती है। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर हर्ड इम्युनिटी की स्थिति बन सकती है।'

सरकार ने हर्ड इम्युनिटी की बात खारिज की 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में हर्ड इम्युनिटी की अटकलों को खारिज कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने कहा कि भारत की आबादी को देखते हुए हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) रणनीतिक विकल्प नहीं हो सकती है। हर्ड इम्युनिटी अभी दूर है और भारत जैसा विशाल देश वैक्सीन के बगैर इसे हासिल करने की स्थिति में नहीं है। हर्ड इम्युनिटी के लिए देश को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। बड़ी संख्या में लोग कोरोना से बीमार होंगे और अस्पतालों में उनके लिए व्यवस्था करना संभव नहीं होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.