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जब बात 'दर्द' की आती है, तो महिलाओं से पहले चीख पड़ते हैं पुरुष

महिलाओं की तुलना में पुरुष दर्द के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीकों से दर्द महसूस होता है और पुरुष इसके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 01:35 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 02:46 PM (IST)
जब बात 'दर्द' की आती है, तो महिलाओं से पहले चीख पड़ते हैं पुरुष
जब बात 'दर्द' की आती है, तो महिलाओं से पहले चीख पड़ते हैं पुरुष

नई दिल्ली, जेएनएन। महिलाओं की तुलना में पुरुष दर्द के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, वैज्ञानिकों ने इसे साबित किया है। सीधी-सरल भाषा में अगर कहा जाए, तो जहां बात दर्द की आती हैं, वहां महिलाओं से पहले पुरुषों की चीख निकल जाती है। 

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शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीकों से दर्द महसूस होता है और पुरुष इसके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। उनका कहना है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दर्द का एहसास अधिक स्पष्टता से या कहे पहले होता है। परिणामस्वरूप, अगर पुरुष को उसी स्थान में दोबारा दर्द होता है, तो वे तनाव में आ जाते हैं।

हालांकि दर्द के मामले में महिलाओं का बेपरवाह वाला रवैया रहता है और उन्हें पुरानी दर्द की यादें ज्यादा परेशान नहीं करती है, जैसा पुरुषों के केस में होता है। शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्षों की पुष्टि के लिए अपना यह शोध पहले एक चूहे पर किया फिर इंसानों पर। इसपर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शोध लंबे समय से चले आ रहे दर्द के इलाज में सफलता का कारण बन सकता है।

मैकगिल यूनिवर्सिटी में दर्द के अध्ययन के प्रोफेसर जेफरी मोगिल बताते हैं, 'हमने चूहों में दर्द की अतिसंवेदनशीलता को देखते हुए एक प्रयोग किया और नर व मादा चूहों के बीच तनाव के स्तर में आश्चर्यजनक रूप से अंतर पाया। इसलिए हमने यह देखने के लिए मनुष्यों पर प्रयोग करने का फैसला किया कि क्या परिणाम समान होंगे।' उन्होंने कहा, 'हम सभी चकित रह गए, जब हमने देखा कि पुरुषों और महिलाओं के बीच वैसा ही अंतर देखने को मिला, जैसा हमने चूहों में देखा था।'

 

कैसे किया गया शोध

  • 18-40 वर्ष की आयु के बीच के 41 पुरुष और 38 महिलाओं ने अध्ययन में भाग लिया।
  • सभी को एक विशेष कमरे में ले जाया गया और जहां Heat के माध्यम से उन्हें कलाई पर निम्न स्तर का दर्द दिया गया।
  • इंसानों ने 100-बिंदु पैमाने पर दर्द के स्तर का मूल्यांकन किया।
  • इसके बाद उन्हें 20 मिनट तक हाथ की कसरत (arm exercises) करने के लिए कहा गया। इस दौरान उन्हें blood-pressure measuring cuff पहनाया गया।
  • उन्हें यह दर्द करीब सात दिनों तक दिया गया।

इस अध्ययन के दौरान महिलाओं और पुरुषों के दर्द सहने की क्षमता में अंतर देखा गया। पुरुषों को एक दिन पहले किए गए परीक्षण के दौरान हुई दर्द की तुलना में अगले दिन ज्यादा दर्द हुआ। यह पाया गया कि महिलाओं की तुलना में दर्द के मामले में पुरुष अति संवेदनशील हैं। इसपर डॉ.मोगिल कहते हैं, 'जब अगले दिन भी पुरुषों को उसी प्रकार से दर्द दिया गया, तो दर्द देने से पहले ही उन्हें दर्द का एहसास होना लगा। यह तनाव के कारण किया, जिस वजह से दर्द की अधिक संवेदनशीलता पुरुषों में देखने को मिली। इसी तरह का रिएक्शन हमनें चूहें पर किए प्रयोग में भी देखा।'


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