सीएसआइआर ने वेंटीलेटर से लेकर पीपीई किट्स तैयार करने में मदद की : हर्षवर्धन
कोरोना महामारी के दौरान सीएसआइआर ने वेंटीलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट्स बनाने से लेकर जीनोम अनुक्रमण में अहम योगदान दिया। परिषद ने दूसरी दवाइयों को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल करने लायक बनाने की पहल भी की।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि विज्ञानी समुदाय ने देश के सामने पैदा होने वाली हर चुनौती का सामना किया और उसे एक अवसर में बदल दिया। केंद्रीय मंत्री वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के 79वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सीएसआइआर ने वेंटीलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट्स बनाने से लेकर जीनोम अनुक्रमण में अहम योगदान दिया। परिषद ने दूसरी दवाइयों को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल करने लायक बनाने की पहल भी की। हर्षवर्धन ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के तौर तरीकों का आकलन करने के लिए सीएसआइआर को युवा विज्ञानियों के लिए आत्ममंथन सत्र आयोजित करने की सलाह भी दी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जब कभी भी देश के सामने किसी भी रूप में कोई चुनौती पैदा हुई है, हम हमेशा उसे एक अवसर में बदलने में सक्षम रहे हैं और उन्होंने (विज्ञानियों) अंतत: समाज के लिए अच्छा करने और उसकी कठिनाइयों को विभिन्न तरीकों से दूर करने में मदद की है।'
जिम्मेदारी को बखूबी निभाता है सीएसआइआर
हर्षवर्धन ने कहा कि जब भी सीएसआइआर को कोई जिम्मेदारी दी जाती है, वह बहुत गतिशील तरीके से आगे बढ़ती है। उन्होंने इसके लिए प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए दीपावली पर विकल्प के रूप में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल का प्रस्ताव देने का उदाहरण भी दिया।
आठ जनवरी से देश में कोरोना के खिलाफ जंग
हर्षवर्धन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। कोरोना महामारी के बारे में उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जब चीन में इस वायरस के फैलने की जानकारी दी उसके एक या दो दिन बाद ही आठ जनवरी से देश में उसके खिलाफ लड़ाई शुरू हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ही विज्ञानी समुदाय भी अपनी तरह से इस मुश्किल हालात को बदलने का प्रयास कर रहा है।