Indus Valley Civilization: वैज्ञानिकों ने पहली बार सिंधु घाटी सभ्यता के दौर के इंसानों के चेहरों की आकृतियां बनाई
Indus Valley Civilization वैज्ञानिकों ने पहली बार सिंधु घाटी सभ्यता के निवासियों के चेहरे की हूबहू आकृतियों को बनाने में कामयाबी पाई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। Indus Valley Civilization इंसान हमेशा से अपने उद्भव और विकास के बारे में हमेश से जिज्ञासु रहा है। वैज्ञानिक इंसानी सभ्यताओं को लेकर इन्हीं जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए खोजों में लगे रहते हैं। इन्हीं कवायदों की कड़ी में भारत समेत तीन देशों के वैज्ञानिकों ने पहली बार सिंधु घाटी सभ्यता के निवासियों के चेहरे की हूबहू आकृतियों को बनाने में कामयाबी पाई है। 4,500 साल पुराने राखीगढ़ी कब्रिस्तान में मिली 37 में से 2 मानव खोपड़ियों से इन आकृतियों को बनाया गया है।
बताया जाता है कि इस काम को 15 वैज्ञानिकों और छह शिक्षाविदों की टीम ने अंजाम दिया। वैज्ञानिकों ने खोपड़ियों का असली चेहरा बनाने के लिए उनके कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) डेटा का इस्तेमाल किया। इस काम में क्रेनियोफेशियल रीकंस्ट्रक्शन (सीएफआर) तकनीक का सहारा लिया गया। वैज्ञानिकों को मिली इस सफलता से अब इसका अनुमान लगाया जा सकेगा कि सिंधु घाटी के लोग कैसे दिखते थे।
प्रो. वसंत शिंदे और दक्षिण कोरिया के प्रोफेसर वॉन जू ली की अगुवाई में किया गया यह अध्ययन एनाटॉमिकल साइंस इंटरनेशनल में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों का दावा है कि अब तक यह नहीं पता चला था कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कैसे दिखते थे। इस अध्ययन से अब खुलासा हो गया है कि सिंधु घाटी की सभ्यता लोग कैसे दिखाई देते थे। इस प्रोजेक्ट के लिए नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी ने भी आर्थिक मदद उपलब्ध कराई है।
बता दें कि राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार जिले का गांव है। यह गांव सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा पुरातात्विक जगह माना जाता है। अध्ययनों में पाया गया है कि सिंधु घाटी सभ्यता के समय राखीगढ़ी देश का पहला सुनियोजित नगर (प्लांड सिटी) हुआ करता था। यह खोज साल 2015 में प्रो. वसंत शिंदे के नेतृत्व में की गई थी। इस खोज में कई कंकाल और सभ्यता के अवशेष मिले थे। हालांकि, इस खोज से पहले पाकिस्तान के सिंध में सिंधु घाटी के आसपास बसी 4500 साल पुरानी हड़प्पा सभ्यता को ही देश की सबसे पुरानी सभ्यता माना जाता था।