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केरल: स्कूल में मलयालम पढ़ाने से किया इंकार तो होगी सजा

केरल के सभी स्कूलों में मलयालम पढ़ाना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री पी विजयन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के दौरान यह अध्यादेश पास हो गया है।

By Suchi SinhaEdited By: Published: Tue, 11 Apr 2017 12:48 PM (IST)Updated: Tue, 11 Apr 2017 03:51 PM (IST)
केरल: स्कूल में मलयालम पढ़ाने से किया इंकार तो होगी सजा
केरल: स्कूल में मलयालम पढ़ाने से किया इंकार तो होगी सजा

तिरुवनन्तपुरम (एएनआइ)। केरल के सभी स्कूलों में मलयालम भाषा को अनिवार्य करने के लिए राज्य सरकार ने एक अध्यादेश पर दस्तखत किया है, जिसके बाद यहां के सभी स्कूलों में मलयालम भाषा को पढ़ाना जरूरी हो गया है।

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मुख्यमंत्री पी विजयन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के दौरान इस अध्यादेश पर मुहर लगी है। कोई भी स्कूल या शिक्षक इस अध्यादेश का उल्लंघन अगर करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई  का भी प्रावधान है।  

इस अध्यादेश के मुताबिक राज्यभर के सीबीएसई, आईसीएसई, आत्म-वित्तपोषण, सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों में मलयालम पढ़ाना अनिवार्य होगा। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई स्कूल में मलयालम बोलने और पढ़ाने पर रोक लगी हुई है। इसके बाद सरकार ने इस अध्यादेश को जरुरी समझा।

गौरतलब है कि सितंबर 2012 में, केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सरकार द्वारा बनाए गए नियम को तोड़ दिया था, जिसमें सीबीएसई स्कूलों में मलयालम सिखाना अनिवार्य था। कोर्ट ने सरकार के 2012 के आदेश को खारिज करते हुए कहा था कि अन्य राज्यों के भी छात्र आईसीएसई और सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।

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