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क्वारंटाइन सेंटर में घोटाला, लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की फर्जी सूची जारी कर हड़प ली राशि

लॉकडाउन के दौरान जब देशभर में हाहाकार मचा हुआ था तब प्रवासी श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए केंद्र और राज्य सरकार मशक्कत कर रही थी। श्रमिकों की वापसी के बाद संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए शहर से लेकर गांव तक में क्वारंटाइन सेंटरों की स्थापना की गई थी।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 05:56 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 05:56 PM (IST)
क्वारंटाइन सेंटर में घोटाला, लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की फर्जी सूची जारी कर हड़प ली राशि
फर्जीवाड़ा करते हुए प्रवासी मजदूरों की बनाई फर्जी सूची (फाइल फोटो)

 बिलासपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। लॉकडाउन के दौरान जब देशभर में हाहाकार मचा हुआ था तब प्रवासी श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए केंद्र और राज्य सरकार मशक्कत कर रही थी। श्रमिकों की वापसी के बाद संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए शहर से लेकर गांव तक में क्वारंटाइन सेंटरों की स्थापना की गई थी। सेंटर में श्रमिकों को साथ आए स्वजनों के साथ 15 दिनों तक रखकर भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की गई थी। यह राशि केंद्र सरकार ने मुहैया कराई थी।

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आरोप है कि ग्राम पंचायत पंधी के सरपंच ने श्रमिकों के हिस्से का निवाला भी छीन लिया। फर्जीवाड़ा करते हुए पहले से गांव में मौजूद ग्रामीणों के नाम का उपयोग करते हुए फर्जी सूची बनाई गई और राशि हड़प ली गई।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से प्रवासी श्रमिकों व परिवार के ऐसे सदस्यों की सूची जारी की गई है। ग्राम पंचायत पंधी के सरपंच ने 46 ऐसे श्रमिक और स्वजनों की सूची बनाई, जो पहले से गांव में रह रहे थे या फिर गांव लौटे ही नहीं।

जिला स्तर के सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो एक लाख 95 हजार 372 श्रमिक अन्य प्रदेशों से वापस लौटे थे। इनके लिए 1112 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए थे। भोजन सहित अन्य सुविधाओं नौ करोड़ रुपये खर्च किया गया है।


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