आपराधिक छवि के उम्मीदवार मामले में जल्द सुनवाई पर विचार करेगा SC, दलों की मान्यता रद करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि प्रकाशित नहीं करने वाले दलों की मान्यता रद करने की मांग वाली याचिका को जल्दी सुनवाई के लिए लगाने पर विचार करने को राजी हो गया है। पाध्याय ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व आदेशों के खिलाफ है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि प्रकाशित नहीं करने वाले दलों की मान्यता रद करने की मांग वाली याचिका को जल्दी सुनवाई के लिए लगाने पर विचार करने को राजी हो गया है। वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि का ब्योरा पार्टी की वेबसाइट, प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और इंटरनेट मीडिया पर प्रकाशित करने के कोर्ट के दो पूर्व आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की मांग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि आदेश का पालन नहीं करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करने का चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र
मंगलवार को अश्वनी उपाध्याय ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की। प्रधान न्यायाधीश ने उपाध्याय से सवाल किया कि क्या कोर्ट आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को नामांकन दाखिल करने से रोक सकता है? उपाध्याय ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व आदेशों के खिलाफ है। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ठीक है। वह मामले पर विचार करेंगे।
आरोपित नाहिद हसन को टिकट दिए जाने को आधार बनाया
याचिका में समाजवादी पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश के कैराना से गैंगस्टर एक्ट सहित कई मामलों में आरोपित नाहिद हसन को टिकट दिए जाने को आधार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि सपा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 48 घंटे के अंदर उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि का ब्योरा प्रकाशित नहीं किया है। यह आदेश का उल्लंघन है। चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने वाले राजनीतिक दल की मान्यता रद करे। सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर, 2018 और 13 फरवरी, 2020 को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के मामले में आदेश दिया था।