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बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा मामले में SC ने मांगा जवाब, ममता सरकार, केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है। बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की निष्पक्ष जांच कराने कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 01:06 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 01:27 PM (IST)
बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा मामले में SC ने मांगा जवाब, ममता सरकार, केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा का मामला। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, माला दीक्षित। सुप्रीम कोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में आज सुनवाई की। बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के कारणों की जांच मांगने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका में मांग की गई है कि हिंसा के कारणों की जांच कर दोषियों की पहचान की जाए और उन्हें दंडित किया जाए।

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चुनाव आयोग को भी नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया है। शीर्ष कोर्ट ने चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा है। लखनऊ की वकील रंजना अग्निहोत्री ने बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की निष्पक्ष जांच कराने कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

जांच कमेटी ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई हिंसा को लेकर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल में सुनियोजित साजिश के तहत हिंसा को अंजाम दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के दौरान एक दल विशेष के समर्थकों को निशाना बनाया गया था. इस हिंसा में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को साथ गुंडे और माफिया भी शामिल थे।

गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भारी हिंसा, आगजनी और लूटपाट हुई थी। हिंसा में करीब 14 लोगों की मौत हुई थी। भाजपा ने हिंसा के लिए राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया था। हिंसा का मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में भी पहुंचा था।


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