सुप्रीम कोर्ट से मिली कारोबारियों को राहत, नहीं देनी होगी 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके दो दिन बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से आने-जाने वाले (आयात-निर्यात) माल पर 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगा दी थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कारोबारियों को राहत देते हुए उन्हें पूर्व में लागू व्यवस्था के अनुसार पाकिस्तान से संबंधित माल पर कस्टम ड्यूटी चुकाने का आदेश दिया। इन कारोबारियों ने पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से सामान मंगवाया या भेजा था। सरकार ने इनके आयातित-निर्यातित सामान पर 200 प्रतिशत की कस्टम ड्यूटी लगा दी थी। इसके विरोध में कारोबारी सुप्रीम कोर्ट आए थे।
14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके दो दिन बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से आने-जाने वाले (आयात-निर्यात) माल पर 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगा दी थी। इससे नियमित कारोबार करने वाले कारोबारी परेशान हो गए और उन पर बड़ी देनदारी खड़ी हो गई। इसकी तुलना में खुले बाजार में आयातित माल का मूल्य मिलना मुश्किल हो गया। यही स्थिति निर्यात किए गए माल को लेकर पैदा हो गई। यह ड्यूटी उस माल पर भी लागू हुई जो 16 फरवरी को भेजा या मंगवाया गया था।
केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में कारोबारी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट गए लेकिन वहां उन्हें राहत नहीं मिल पाई। इसके बाद वे हाईकोर्ट के आदेश की अपील करने सुप्रीम कोर्ट आए। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र 200 प्रतिशत राजस्व वसूली की इस व्यवस्था को गलत माना। यहां पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस इंदू मल्होत्रा और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते कारोबारियों को राहत दी और उन्हें पुरानी अधिसूचित दरों के अनुसार ही कस्टम ड्यूटी के भुगतान का आदेश दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस जोसेफ ने इस बाबत अलग-अलग आदेश दिए।