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विकास दुबे एनकाउंटर मामला: जांच के लिए पुनर्गठित होगी कमेटी, यूपी सरकार ने जताई सहमति

Vikas Dubey Encounter Case विकास दुबे एनकाउंटर मामले में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के दोबारा गठन का आदेश दिया है जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 01:26 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 07:03 PM (IST)
विकास दुबे एनकाउंटर मामला: जांच के लिए पुनर्गठित होगी कमेटी, यूपी सरकार ने जताई सहमति
विकास दुबे एनकाउंटर मामला: जांच के लिए पुनर्गठित होगी कमेटी, यूपी सरकार ने जताई सहमति

नई दिल्ली, जेएनएन। Vikas Dubey Encounter Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को विकास दुबे व उसके सहयोगियों के एनकाउंटर मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए दोबारा कमेटी गठित करने का आदेश दिया जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) ने सहमति जताई है। मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। 

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कानपुर के भौंती क्षेत्र में 10 जुलाई को एसटीएफ की गाड़ी पलटने के बाद उसमें से पुलिस का हथियार छीनकर भागने के दौरान विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया था। इस एनकाउंटर में उसे तीन गोली लगी थी।

कमेटी में शमिल होंगे पूर्व डीजीपी और कोर्ट के रिटायर जज

उत्तर प्रदेश सरकार विकास दुबे एनकाउंटर केस की जांच के लिए कमेटी के पुनर्गठन को तैयार है। सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर जांच कमेटी मेंं सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज और पूर्व DGP को  शामिल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट में कमेटी पुनर्गठन से संबंधित मसौदे के लिए नोटिफिकेशन दाखिल करेगी। अगली सुनवाई बुधवार, 22 जुलाई को की जाएगी। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, 'इस जांच से कानून मजबूत होगा और पुलिस का मनोबल नहीं टूटेगा। यह केवल एक घटना नहीं है जो दांव पर है। पूरी व्यवस्था दांव पर है।' मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले भी सरकार ने मुठभेड़ की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर रखी है।

हैदराबाद एनकाउंटर से तुलना खारिज

मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया और विकास दुबे एनकाउंटर की हैदराबाद एनकाउंटर से तुलना को भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में विकास दुबे के एनकाउंटर व हैदराबाद में दुष्कर्मियों के एनकाउंटर में अंतर है। क्योंकि हैदराबाद में दुष्कर्मियों के पास कोई हथियार नहीं था।' कोर्ट ने आगे कहा, ' राज्य सरकार के तौर पर शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जिम्मेवार है।' उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि वह एनकाउंटर मामले में जांच के लिए दोबारा कमेटी के गठन को तैयार है। राज्य सरकार ने बताया कि इंक्वायरी पैनल द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार यह मसौदे का नोटिफिकेशन 22 जुलाई तक कोर्ट के समक्ष पेश करेगी।

दूसरी ओर लखनऊ में  कानपुर एनकाउंटर के मुख्य दोषी विकास दुबे के साथी श्यामू बाजपेयी की मां और दो बहनों ने  SIT ऑफिस  में बयान दर्ज  कराया। एक बहन ने बताया, 'मेरे भाई को 3 तारीख को पुलिस पूछताछ के लिए लेकर गई थी। 8 तारीख को खबर आई कि पुलिस मुठभेड़ में उसके पांव में गोली लगी है। चाहे जांच कर लीजिए, वो निर्दोष है।'

एनकाउंटर में मारा गया था विकास

गौरतलब है कि बीते 10 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। दुबे के एनकाउंटर पर कई सवाल उठे थे। इस बीच दो वकीलों ने पुलिसिया एनकाउंटर की सीबीआई और एनआईए से जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक हलफानामा पेश किया था जिसमें कहा गया था कि विकास दुबे का एनकाउंटर फर्जी नहीं था।

पुलिसकर्मियों पर किया था हमला

बता दें कि 3 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस की टीम पर गैंगस्टर तथा उसके गुर्गों ने हमला किया। इस हमले में 8 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी। इसके 6 दिन बाद पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया। वहां से कानपुर ले जाते समय रास्ते में गाड़ी पलट गई, जिसके बाद विकास पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा। यूपी पुलिस का दावा है कि इस दौरान उसने गोली भी चलाई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने के बाद विकास की मौत हो गई।


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