एयरसेल मैक्सिस मामला: सुप्रीम कोर्ट ने 10 करोड़ वापस करने की कार्ति चिदंबरम की मांग ठुकराई
पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की दस करोड़ रुपये वापिस करने के अनुरोध वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने विदेश जाने के लिए पूर्व में जमा कराई गई उनकी 10 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी राशि लौटाने की मांग खारिज कर दी है। यही नहीं, कोर्ट ने तमिलनाडु के शिवगंगा से नवनिर्वाचित सांसद कार्ति को अपने संसदीय क्षेत्र पर ध्यान देने की नसीहत भी दी।
कार्ति चिदंबरम एयरसेल मैक्सिस और आइएनएक्स मीडिया केस में आरोपी हैं और उनके खिलाफ सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहे हैं। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को 10 करोड़ रुपये सिक्योरिटी राशि जमा कराने की शर्त पर विदेश जाने की इजाजत दी थी।
कार्ति बताई गई तिथि पर वापस आ गए थे। इसके बाद उन्होंने मई-जून में कोर्ट से दोबारा विदेश जाने की इजाजत मांगी तो कोर्ट ने उन्हें दूसरी बार भी 10 करोड़ रुपये सिक्योरिटी राशि जमा कराने की शर्त पर विदेश जाने की इजाजत दी थी। कार्ति ने अब नई अर्जी दाखिल कर पूर्व की विदेश यात्रा के लिए जमा कराई गई 10 करोड़ की सिक्योरिटी राशि वापस करने की मांग की थी।
'विदेश जाना है तो हर बार जमा कराने होंगे 10 करोड़'
बुधवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने कार्ति की मांग ठुकराते हुए कहा कि उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए। जब कार्ति के वकील ने मांग जारी रखी तो कोर्ट ने कहा कि हर बार विदेश जाने के लिए उन्हें 10 करोड़ रुपये जमा कराने होंगे। अगर वह पहले जमा कराए गए 10 करोड़ रुपये वापस लेंगे तो कोर्ट इस बार के लिए 20 करोड़ रुपये जमा कराएगा।
दलील दी, कर्ज लेकर जमा कराई थी सिक्योरिटी
कार्ति ने अपनी अर्जी में कहा था कि उन्होंने कर्ज लेकर 10 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी राशि जमा कराई थी अब उन्हें उसका ब्याज देना पड़ रहा है। चूंकि वह तय समय पर वापस आ गए थे इसलिए कोर्ट उन्हें सिक्योरिटी के तौर पर जमा राशि वापस करे क्योंकि कोर्ट ने कहा था कि वापस आने पर राशि वापस मिल जाएगी।
ईडी का आरोप, जांच में नहीं कर रहे सहयोग
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्ति की विदेश जाने की अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि वह विदेश जाने की इजाजत का दुरुपयोग कर रहे हैं, जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जांच में देरी हो रही है और वह पिछले छह महीने में 51 दिन विदेश में रहे। ईडी का कहना था कि कार्ति शपथ पत्र दाखिल कर भरोसा दिलाएं कि वह समय पर विदेश से लौटेंगे और जांच में सहयोग देंगे। उस समय कोर्ट ने कहा था कि अगर कार्ति जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो वह उन्हें फटकार लगाएगा।
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