Move to Jagran APP

गुलाम नबी से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या अधिकारी दंगा होने का इंतजार करते

जम्मू-कश्मीर में लगे प्रतिबंधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से सवाल किया कि क्या अधिकारियों को दंगा होने का इंतजार करना चाहिए था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:08 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:08 PM (IST)
गुलाम नबी से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या अधिकारी दंगा होने का इंतजार करते

नई दिल्ली, पीटीआइ। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद लगाए गए अनेक प्रतिबंधों को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से सवाल किया कि क्या अधिकारियों को 'दंगा होने का' इंतजार करना चाहिए था।

loksabha election banner

पीठ ने आजाद के वकील से किया सवाल

जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने आजाद के वकील, पार्टी सहयोगी और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से सवाल किया, 'इस तरह के मामले में ऐसी आशंका क्यों नहीं हो सकती कि पूरा क्षेत्र या स्थान अशांत हो सकता है?' इस पर पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की याचिका पर सिब्बल ने कहा कि अधिकारियों द्वारा संचार और परिवहन व्यवस्था सहित अनेक पाबंदियां लगाना अधिकारों का बेजा इस्तेमाल था। सार्वजनिक सद्भाव को किसी प्रकार के खतरे की आशंका के बारे में उचित सामग्री के बगैर अधिकारी इस तरह की पाबंदियां नहीं लगा सकते।

भारत के लोगों के अधिकारों के बारे में बात 

उन्होंने सवाल किया कि सरकार यह कैसे मान सकती है कि सारी आबादी उसके खिलाफ होगी और इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होगी। घाटी के 10 जिलों में 70 लाख की आबादी को इस तरह से पंगु बनाना क्या जरूरी था? उन्हें ऐसा करने के समर्थन में सामग्री दिखानी होगी। इस मामले में हम जम्मू-कश्मीर की जनता के नहीं बल्कि भारत के लोगों के अधिकारों के बारे में बात कर रहे हैं।

क्या उन्हें दंगा होने का इंतजार करना चाहिए था?

इस पर पीठ ने उनसे सवाल किया, 'क्या उन्हें दंगा होने का इंतजार करना चाहिए था? यदि ऐसा है तो किसी भी स्थान पर धारा 144 नहीं लगाई जा सकती।' पीठ ने यह भी कहा कि कुछ परिस्थितियों में किसी क्षेत्र में कफ्र्यू लगाए जाने पर भी कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है। मामले में अब 14 नवंबर को आगे बहस होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.