एससी-एसटी आरक्षण: प्रोन्नति में आरक्षण मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का अवमानना नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2020 को केंद्र की अर्जी पर सुनवाई की लेकिन सरकार को एडहाक प्रोन्नति की इजाजत नहीं दी। कोर्ट से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद कार्मिक विभाग ने एडहाक आधार पर प्रोन्नति दे दी। सरकार का यह कदम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। प्रोन्नति में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया है। सामान्य वर्ग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके केंद्र सरकार पर मामले में यथास्थिति कायम रखने के शीर्ष कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
कोर्ट से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद केंद्र सरकार ने एडहाक आधार पर दी प्रोन्नति
शुक्रवार को जस्टिस एल. नागेश्वर राव और विनीत सरन की पीठ ने अवमानना याचिका पर वकील परिमल कुमार की दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी किए। बहस के दौरान शुरुआत में पीठ ने परिमल से कहा कि सरकार सिर्फ एडहाक (तदर्थ) प्रोन्नति ही तो दे रही है, इसमें क्या है। इस पर परिमल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल, 2019 को मामले में यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग (डीओपीटी) ने 11 जून, 2020 को सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल करके बड़े पैमाने पर पदों के रिक्त होने का हवाला देते हुए मामले में अंतिम फैसला आने तक एडहाक प्रोन्नति करने की इजाजत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई, 2020 को केंद्र की अर्जी पर सुनवाई की, लेकिन सरकार को एडहाक प्रोन्नति की इजाजत नहीं दी। सिर्फ सरकार की अर्जी पर मुख्य मामले की अंतिम सुनवाई के समय विचार करने की बात कही थी। परिमल ने कहा कि कोर्ट से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद कार्मिक विभाग ने एडहाक आधार पर प्रोन्नति दे दी। सरकार का यह कदम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। याचिका में कार्मिक विभाग और यूपीएससी को पक्षकार बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अवमानना याचिका पर जारी किया नोटिस
अवमानना याचिका में कहा गया है कि 11 दिसंबर, 2020 को केंद्र सरकार ने एडहाक आधार पर 149 डिप्टी सेक्रेट्री स्तर के अधिकारियों को डायरेक्टर ग्रेड पर प्रोन्नत किया है जिनमें 55 डिप्टी सेक्रेट्री आरक्षित वर्ग के हैं जो अपने करियर में पहले ही प्रोन्नति में आरक्षण और परिणामी वरिष्ठता का लाभ ले चुके हैं। इतना ही नहीं कार्मिक विभाग ने आठ जनवरी, 2021 को दोबारा एडहाक प्रोन्नतियां कीं।
प्रोन्नति में आरक्षण मामलें में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित
ज्ञात हो कि प्रोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसमें बहुत सी याचिकाएं एक साथ सुनवाई के लिए संलग्न हैं। इस मामले में सामान्य वर्ग के कर्मचारी कैट और दिल्ली हाई कोर्ट से मुकदमा जीत चुके हैं जिसके मुताबिक सरकार को एम. नागराज फैसले के मुताबिक प्रोन्नति में आरक्षण लागू करना चाहिए। याचिकाकर्ताओं की मुख्य मांग इस फैसले के मुताबिक प्रोन्नति सूची जारी करने की है। एम. नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा था कि सरकार को प्रोन्नति में आरक्षण देने से पहले अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़ें जुटाने होंगे। केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है जो मुख्य मामला है और अभी लंबित है।------------------------