SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट का मानकों में हस्तक्षेप से इनकार, 24 फरवरी को अगली सुनवाई
सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण से पहले उचित प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाना जरूरी है। मामले की अगली सुनवाई अब 24 फरवरी को होगी।
नई दिल्ली, माला दीक्षित। सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्यों को आंकड़े जुटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एससी/एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने से पहले राज्यों को डेटा इकट्ठा करना चाहिए।
कोर्ट ने आगे कहा कि पीठ के फैसले के बाद आरक्षण के लिए नया पैमाना नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट ने ये भी कहा कि प्रतिनिधित्व के बारे में एक तय अवधि में समीक्षा होनी चाहिए। समीक्षा की अवधि क्या होगी कोर्ट ने इसे केंद्र पर छोड़ दिया है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई की। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
#Reservation सुप्रीमकोर्ट ने SC/ST को प्रोन्नति में आरक्षण पर सुनाया फैसला। कोर्ट ने कहा आरक्षण से पहले उचित प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाना जरूरी। प्रतिनिधित्व के बारे में एक तय अवधि में समीक्षा होनी चाहिए। समीक्षा की अवधि क्या होगी यह कोर्ट ने केंद्र पर छोड़ा।@JagranNews— Mala Dixit (@mdixitjagran) January 28, 2022
बता दें कि शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे को लेकर 26 अक्टूबर, 2021 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र ने पहले पीठ से कहा था कि लगभग 75 वर्षों के बाद भी एससी और एसटी के लोगों को अगड़ी जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया गया है।
पिछली सुनवाई में पीठ ने ये भी कहा था कि वह अपने फैसले को फिर से नहीं खोलेगी। कोर्ट ने इसको लागू करने के फैसले को राज्यों पर छोड़ दिया था। कोर्ट ने कई सवाल पूछा था कि इतने दिनों तक सरकारी नौकरियों में ये व्यवस्था क्यों लंबित रखी गई?
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