शिरडी के साईं मंदिर प्रबंधन ने अफवाहों को किया खारिज, कहा- नहीं रहेगा बंद
साईं बाबा के जन्म स्थल के विवाद के कारण 19 जनवरी से साईं मंदिर के अनिश्चित काल तक बंद रहने की खबर आई थी।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र सरकार के पाथरी गांव में तीर्थस्थल विकसित करने के फैसले पर विवाद पैदा हो गया है। साईं बाबा के जन्म स्थल विवाद के कारण 19 जनवरी से साईं मंदिर के अनिश्चित काल तक बंद रहने की खबर आई थी। इस बारे में शिरडी में साईं मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स है कि शिरडी में साईं मंदिर 19 जनवरी को बंद रहेगा। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह सिर्फ एक अफवाह है। मंदिर 19 जनवरी को खुला रहेगा।
अहमदनगर जिले में शिरडी ही 19वीं सदी के संत साईं बाबा का निवास स्थान था। श्रद्धालुओं का एक बड़ा हिस्सा परभणी जिले में पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान मानता है। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किमी दूर स्थित है। उद्धव ठाकरे ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया। इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का ऐलान कर दिया।
Dipak Muglikar, Chief Executive Officer, Sai Temple in Shirdi: There are some reports in media that Sai Temple in Shirdi will remain close on 19th January. I want to clarify that it is just a rumour. Temple will remain open on 19th January. #Maharashtra pic.twitter.com/o4r013rZl4 — ANI (@ANI) January 18, 2020
सीएम ने की पाथरी के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर करने की घोषणा
साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर विवाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद पैदा हुआ है। राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्ला खान ने दावा किया है कि पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। उन्होंने कहा, 'जहां शिरडी साईं बाबा की कर्मभूमि है, वहीं पाथरी जन्मभूमि है। दोनों जगहों का अपना महत्व है।'
पाथरी मशहूर हो गया तो श्रद्धालुओं का शिरडी में आना कम हो जाएगा
देश-विदेश से पर्यटक पाथरी पहुंचते हैं, लेकिन वहां बुनियादी ढांचा नहीं है। खान ने कहा, 'शिरडी के लोगों के लिए कोष कोई मुद्दा नहीं है, वे बस यही चाहते हैं कि पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान नहीं कहा जाए।' शिरडी के निवासियों को डर है कि यदि पाथरी मशहूर हो गया तो उनके कस्बे में श्रद्धालुओं का आना कम हो जाएगा।