सद्गुरु जग्गी वासुदेव बोले, जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वालों को पहले दी जाए कोरोना वैक्सीन
सद्गुरु ने कहा कि बुजुर्ग और बच्चों को भी वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि कमजोर प्रतिरक्षा के चलते इनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण के खिलाफ केंद्र सरकार ने एक मसौदा बना लिया है।
बेंगलुरु, आइएएनएस। सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने शनिवार को कहा कि डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों और कोरोना महामारी को रोकने के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मचारियों को वैक्सीन की खुराक देने में शीर्ष वरीयता दी जाए। वह बेंगलुरु टेक समिट-2020 में एक वर्चुअल परिचर्चा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, 'अगर आप मुझसे वैक्सीन को लेकर सवाल करते हैं तो मैं कोरोना समेत किसी भी महामारी के खिलाफ वैक्सीन लेने वाला सबसे आखिरी व्यक्ति हूंगा। मेरे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता में वो लोग हैं जो जोखिम वाले क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जैसे पुलिसकर्मी, डॉक्टर और हाशिये पर रहने वाले अन्य कर्मचारी शामिल हैं। भारत में महामारी को रोकने के लिए इन लोगों को पहले वैक्सीन की खुराक दी जानी चाहिए।'
कोरोना टीकाकरण के खिलाफ केंद्र सरकार ने बना लिया मसौदा
सद्गुरु ने कहा कि बुजुर्ग और बच्चों को भी वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि कमजोर प्रतिरक्षा के चलते इनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण के खिलाफ केंद्र सरकार ने एक मसौदा बना लिया है और उससे जुड़ी जानकारी एकत्र करने के लिए उसे राज्यों के साथ साझा भी किया है।
देश में 13 करोड़ से ज्यादा कराए गए कोरोना के टेस्ट
वहीं, दूसरी ओर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के मुताबिक देशभर में अब तक 13.06 करोड़ टेस्ट कराए जा चुके हैं। शुक्रवार को 10.66 लाख नमूनों का परीक्षण किया गया। संक्रमण की औसत दर 6.93 फीसद है, जबकि शुक्रवार को संक्रमण की दैनिक दर 4.34 फीसद रही। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ज्यादा संख्या में जांच से संक्रमण की दर कम हुई है। 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रति 10 लाख आबादी पर जांच राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शनिवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान 46,232 मामले सामने आए हैं और कुल संक्रमितों की संख्या 90.50 लाख हो गई है। इस दौरान 564 और लोगों की मौत भी हुई है और अब तक महामारी के चलते जान गंवाने वालों का आंकड़ा 1.32 लाख पर पहुंच गया है। 84.78 लाख मरीज अब तक पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं।