रिया से बोले सचिन- हैंडवॉश जरूरी, इसके बिना मुझे भी मम्मी नहीं देती थी खाना
10वीं की छात्रा रिया चाइल्ड राइट्स को लेकर क्षेत्र में काम कर रही हैं। सचिन ने पूछा कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहती हैं इस पर उन्होंने कहा कि झाबुआ जिले में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी नहीं हैं। उनकी इच्छा है कि डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करूं।
देवेंद्र मीणा, इंदौर। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले की बेटी रिया सोनी से गुरवार को विश्व के सर्वश्रेष्ठ क्रिके टरों में से एक और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने जूम एप पर चर्चा की और उनके कार्यो की प्रशंसा की। 10वीं की छात्रा रिया चाइल्ड राइट्स को लेकर क्षेत्र में काम कर रही हैं। सचिन ने पूछा कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहती हैं, इस पर उन्होंने कहा कि झाबुआ जिले में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी नहीं हैं। उनकी इच्छा है कि डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करूं। इस बीच यूनिसेफ के ब्रांड एंबेसडर सचिन से रिया ने भी सवाल कि या कि स्वच्छता को लेकर आपका क्या कहना है? हैंडवॉश क्यों जरूरी है? इस पर सचिन ने कहा कि सभी को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।वे जब छोटे थे और खेलकर घर आते थे तो उन्हें भी बिना हाथ-पैर धोये मम्मी खाना नहीं देती थीं।
दरअसल, पिछले दिनों कोरोनाकाल में झाबुआ जिले के नौगांवा निवासी 14 वर्षीय रिया ने हैंडवॉशिंग स्टेशन बनाया था और इसका वीडियो वायरल होने पर वे सुर्खियों में आई थीं। वीडियो सचिन तेंदुलकर तक भी पहुंचा था। रिया के बाद करीब तीन सौ बच्चों ने हैंडवॉशिंग स्टेशन बनाया। इसमें छत्तीसगढ़ तक के बच्चे शामिल थे। रिया के पिता संतोष सोनी मेघनगर में फै क्ट्री में काम करते हैं। रिया चाइल्ड राइट्स जैसे बाल विवाह, टीकाकरण आदि को लेकर काम करती हैं।
अफगानिस्तान की हिना से भी बात की
यूथ फॉर चिल्ड्रन की कॉर्डिनेटर डॉ. गायत्री परिहार ने बताया कि यूनिसेफ का प्रोग्राम झाबुआ क्षेत्र में जिला प्रशासन के सहयोग से संचालित होता है। रिया करीब चार सालों से प्रोग्राम से जुड़ी हुई हैं। सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को रिया से बात कर उनके कामों की तारीफ की। संभवत: हैंडवॉशिंग स्टेशन वाला वीडियो विश्व बाल दिवस के मौके पर सचिन अपने सोशल मीडिया पर शेयर भी करेंगे। सचिन ने गुरवार को दो बच्चों से बात की। इसमें रिया के अलावा अफगानिस्तान की बालिका हिना शामिल भी है। हिना भी चाइल्ड राइट्स को लेकर काम करती हैं।