Move to Jagran APP

Sabarimala Row: कनकदुर्गा और बिंदु की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Sabarimala Row: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाएं कनकदुर्गा और बिंदु अम्मिनी मामले की कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दो जनवरी को दोनों ने मंदिर में किया था प्रवेश।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 01:07 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 01:07 PM (IST)
Sabarimala Row: कनकदुर्गा और बिंदु की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
Sabarimala Row: कनकदुर्गा और बिंदु की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली, एएनआइ। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाएं कनकदुर्गा और बिंदु अम्मिनी मामले की कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दोनों महिलाओं ने दो जनवरी को भारी सुरक्षा के बीच सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था, जिसका जमकर विरोध भी हुआ। अपनी सुरक्षा को लेकर दोनों महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की है।

loksabha election banner

बता दें कि सबरीमाला मंदिर के दर्शन कर लौटी कनकदुर्गा और बिंदु अम्मिनी को लगातार धमकियां मिल रही हैं। इस बीच कनकदुर्गा पर तथाकथित हमले की भी बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि उसपर हमला करने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि उसकी खुद की सास थी, जो उसके सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के सख्त खिलाफ थी। इस हमले के बाद कनकदुर्गा को केरल के कोझिकोड सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी चोट का स्कैन किया। कनकदुर्गा पर हमला उस दौरान हुआ, जब वह सबरीमाला मंदिर के दर्शन करने के बाद अपने घर वापस लौटी।

गौरतलब है कि पेरिनथलमन्ना की 40 वर्षीय बिंदु और कन्नूर की 39 वर्षीय कनकदुर्गा दो जनवरी को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने में सफल रही थीं। दोनों महिलाएं पुलिसकर्मियों की सुरक्षा चक्र की मदद से मंदिर में दाखिल हुईं। हालांकि, इसका जमकर विरोध हुआ और यह सूचना सामने आने के बाद मंदिर परिसर का शुद्धिकरण भी किया गया।

बता दें कि 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले में बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को स्वामी अयप्पा मंदिर में जाने की अनुमति दे दी थी। सबरीमाला मंदिर को लेकर ऐसी प्रथा मानी जाती है कि स्वामी अयप्पा ब्रह्मचारी हैं, इस कारण माहवारी की आयु की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं मिल सकता। हालांकि इन दो महिलाओं ने इस सालों पुरानी परंपरा को तोड़ दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.