NSA स्तर की बैठक से पहले उज्बेकिस्तान के सुरक्षा परिषद के सचिव से मिले जयशंकर, अफगानिस्तान पर चर्चा
भारत में बुधवार को एनएसए लेवल (NSA Level) का क्षेत्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। इस बैठक में कजाकिस्तान किर्गिस्तान ताजिकिस्तान तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी करेंगे उनसे मुलाकात।
नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को उज्बेकिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव विक्टर माखुमुदोव से मुलाकात की और अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रमों पर चर्चा की।भारत की मेजबानी में अफगानिस्तान पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तरीय वार्ता से एक दिन पहले हुई इस मुलाकात के बारे में जयशंकर ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी। विदेश मंत्री ने बताया कि वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति पर भी बात हुई।
Glad to receive Victor Makhmudov, Secretary of the Security Council of Uzbekistan.
Appreciated the exchange of perspectives on Afghanistan. Noted the progress in our bilateral ties. pic.twitter.com/HWKRaBLaLK— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 9, 2021
भारत में बुधवार को एनएसए लेवल (NSA Level) का क्षेत्रीय सम्मेलन होने जा रहा है. इस सम्मेलन की अध्यक्षता एनएसए अजित डोभाल (Ajit Doval) करेंगे।यह सम्मेलन अफगानिस्तान को लेकर आयोजित होगा। जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में 7 देशों के एनएसए शामिल होंगे जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। इस सम्मेलन में आतंकवाद, कट्टरता और ड्रग्स तस्करी रोकने पर चर्चा की जाएगी।
इस बैठक में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी भी शामिल होंगे। हालांकि, चीन औऱ पाकिस्तान इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। चीन ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि वह शेड्यूलिंग कारणों के चलते बैठक में शामिल नहीं हो पाएगा।
इस बैठक में शामिल होने वाले किसी भी देश ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है। दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान और चीन ने भी अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा सभी देशों का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार या सुरक्षा परिषदों के सचिवों द्वारा किया जाएगा। हालांकि, रूस पहले भी भारत को तालिबान के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित कर चुका है। इस बैठक में रूस और ईरान के शामिल होने को अफ़ग़ानिस्तान पर सहयोगी देशों के बीच अहम रणनीति बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।