रूस के राजदूत ने कहा- हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण से सहमत, अगले साल भारत आएंगे पुतिन
रूस क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर भारत की बढ़ती महत्ता का पूरा समर्थन करता है और हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण को भी समझता है लेकिन इस इलाके को लेकर क्वाड रणनीति को लेकर वह चिंतित है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस ने कहा है कि वह क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर भारत की बढ़ती महत्ता का पूरा समर्थन करता है और हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण को भी समझता है, लेकिन इस इलाके को लेकर क्वाड रणनीति को लेकर वह चिंतित है। भारत में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में यह उद्गार व्यक्त किए। यह प्रेस कांफ्रेंस वर्ष 2020 में भारत-रूस के रिश्तों के आकलन व अगले वर्ष 2021 में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर उठाये जाने वाले कदमों की जानकारी देने के बारे में थी। रूस के राजदूत ने भारत व चीन के बीच मौजूदा विवाद के बारे में कहा कि वह दोनों देशों का करीबी मित्र व साझेदार है और किसी एक का समर्थन नहीं कर सकता।
रूस के राजदूत कुदाशेव ने कहा- हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण से सहमत
कुदाशेव ने कहा कि भारत के सबसे पुराने व करीबी साझेदार होने की वजह से रूस भारत के बढ़ते महत्व को लेकर बेहद खुश है। जहां तक हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति है तो कई देश उसे खुला और सभी के लिए स्वीकार्य बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसकी परिभाषा स्पष्ट नहीं है।
क्वाड को लेकर रूसी सरकार की चिंता बरकरार
भारत-अमेरिका-जापान-ऑस्ट्रेलिया के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र को दृष्टिकोण में रखते हुए क्वाड समूह के बारे में रूस की अपनी चिंताएं हैं क्योंकि यह इस क्षेत्र में समग्र वार्ता को नुकसान पहुंचाता है। बताते चलें कि कुछ ही दिन पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी कहा था कि क्वाड के संदर्भ में कहा था कि भारत पश्चिमी देशों के चीन विरोधी खेल में शामिल हो रहा है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत की अपनी स्वतंत्र विदेश नीति है।
राजदूत ने कहा- भारत व रूस के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने का काम जारी रहेगा
रूस के राजदूत ने बताया कि अगले वर्ष के दौरान भी भारत व रूस के बीच कई स्तरों पर द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने का काम जारी रहेगा। रूस भारत के साथ अपने सैन्य संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा रखता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो भी सैन्य हथियार हैं हम उसे भारत के साथ साझा करना चाहते हैं। ब्रह्मोस मिसाइल एक बड़ा उदाहरण है जो दोनों देशों ने मिल कर बनाया है और दर्जनों देश इसे खरीदना चाहते हैं।
भारत के डिफेंस एक्जीविशन में रूस अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों व हथियारों के साथ उपस्थित होगा
अगले वर्ष भारत में होने वाले डिफेंस एक्जीविशन में रूस अपने तमाम अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों व हथियारों के साथ उपस्थित होगा। इसमें सुखोई-57 (फाइव जेनरेशन) युद्धक विमान से लेकर एंटी मिसाइल सिस्टम एस-400 भी होगा।
'पाकिस्तान से हमारे संबंधों को लेकर परेशान न हो भारत'
रूसी अभियान के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि रूस शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य होने के नाते पाकिस्तान से अपने संबंध अपने संबंध प्रगाढ़ करने को प्रतिबद्ध है, लेकिन उसके पाकिस्तान के साथ रिश्ते को लेकर भारत को चिंतित नहीं होना चाहिए। उसके पाकिस्तान से रिश्ते स्वतंत्र प्रकृति के हैं। उनकी सरकार अन्य देशों की संवेदनाओं का आदर करना जानती है।
कुदाशेव ने कहा- भारत और चीन के बीच वार्ता बढ़ाने के पक्ष में है रूस
भारत और चीन के बीच मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति के बारे में रूस के राजदूत कुदाशेव ने कहा कि हम दोनों देशों के बीच वार्ता को बढ़ाने के पक्ष में हैं। रूस ने इसकी कोशिश भी की है। उन्होंने एक विस्तृत यूरेशियन साझेदारी स्थापित करने की बात कही जिसमें रूस, चीन और भारत के साझा दृष्टिकोण को जगह मिले।
अगले साल भारत आएंगे पुतिन
रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने यह भी बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कोरोना महामारी के कारण इस साल भारत दौरे पर नहीं आ सके थे, लेकिन वह अगले साल के शुरुआती छह महीनों में भारत दौरे पर आ सकते हैं। पहले यह बैठक अक्टूबर में होनी तय थी। उसके लिए खासी तैयारियां की गईं थीं, पर अब दोनों देशों ने इसे अगले साल के लिए स्थगित किया है।