रुंगटा बंधुओं ने सजा को हाईकोर्ट में दी चुनौती
कोल घाेटाले में सजा पाए रुंगटा बंधुओं ने अपनी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इन दोनों को निचली अदालत ने चार-चार वर्ष की सजा सुनाई थी।
नई दिल्ली (जागरण संवाददाता)। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले के एक मामले में चार-चार साल की सजा पाए झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड (जेआइपीएल) कंपनी के दो निदेशकों आरसी रुंगटा व आरएस रुंगटा ने अपनी सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति सिद्घार्थ मृदुल की पीठ ने मामले में सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। दोनों निदेशकों ने निचली अदालत द्वारा उन पर लगाए गए पांच-पांच लाख रुपये जुर्माने को भी चुनौती दी है। मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी।
कोल ब्लॉक घोटाले में करीब 20 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह पहला मामला था जिसमें कोर्ट ने सजा सुनाई थी। सीबीआइ के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े मामलों की सुप्रीम कोर्ट निगरानी कर रहा है। ऐसे में वे इस अपील के संबंध में पांच मई को सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवा देंगे। रुंगटा बंधुओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं है जिससे यह कहा जाए कि उन्होंने धोखाधड़ी के जरिये कोल ब्लॉक हासिल किया था। उन्होंने कहा कि सीबीआइ जज सभी तथ्यों को समझने में असफल रहे हैं। ऐसे में उनके मुवक्किलों को दी गई सजा रद की जाए।
कोयला घोटाला: विशेष अदालत ने JIPL के दो निदेशकों को सुनाई चार वर्ष की सजा
उल्लेखनीय है कि गत चार अप्रैल को पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआइ जज भरत पराशर ने जेआइपीएल के निदेशक आरसी रुंगटा व आरएस रुंगटा को धोखाधड़ी का दोषी करार देते हुए चार-चार साल कैद व पांच-पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। अदालत ने कंपनी पर भी 25 लाख रुपये का जुर्माना किया था। अदालत ने कहा था कि कंपनी ने कोयला मंत्रालय के समक्ष जमीन व कोल ब्लॉक की क्षमता के बारे में गलत दस्तावेज पेश किए थे। इन दस्तावेज के आधार पर स्क्रीनिंग कमेटी ने कंपनी को झारखंड के उत्तरी धांदू में कोल ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश पर कोयला मंत्री ने अपनी मुहर लगाई थी।