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केरल विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस्तीफे की उठी मांग

केरल विधानसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। राज्यपाल के संबोधन में विपक्ष ने बाधा पहुंचाई। विपक्ष ने हंगामा करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस्तीफे की मांग की है। पढ़े राज्यपाल ने अपने संबोधन में क्या कहा।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 10:24 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 10:24 AM (IST)
केरल विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस्तीफे की उठी मांग
केरल विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस्तीफे की उठी मांग

तिरुवंतपुरम, एएनआइ। केरल विधानसभा में विपक्ष द्वारा जमकर हंगामा किया गया। राज्यपाल के संबोधन का बहिष्कार करते हुए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने केरल विधानसभा के सामने विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली वाम सरकार को पद छोड़ने के लिए कहा। इस दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने संबोधन में कहा कि वह अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहा रहे हैं और उम्मीद है कि कोई बाधा नहीं बनेगा। इस दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने राज्यपाल के संबोधन के दौरान ही विधानसभा से वॉकआउट किया। बता दें कि इससे पहले भी राज्य विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। 

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इससे पहले हाई प्रोफाइल सोना तस्करी मामले में विधानसभा स्पीकर पी. श्रीरामकृष्णन के सहायक निजी सचिव के. अय्यप्पन से कस्टम विभाग की पूछताछ को लेकर टकराव की स्थिति पैदा हुई थी। पी. श्रीरामकृष्णन ने बीते दिन कहा था कि तस्करी के मामले में उनके सहायक निजी सचिव से सीमा शुल्क विभाग द्वारा पूछताछ करने के लिए उनकी पूर्व अनुमति जरुरी है। इसके साथ ही कहा था कि वह किसी भी जांच में बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। श्रीरामकृष्णन ने विधानसभा कार्य विधि के नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि विधानसभा परिसर में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्पीकर की अनुमति जरुरी है। 

नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग लेकर प्रस्ताव

इसके साथ ही बीते दिन केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया। केरल सरकार की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव में तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी और उद्योगपतियों के हित में बताया जा रहा है। इस दौरान एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल द्वारा सदन में कथित तौर पर उक्‍त प्रस्ताव का समर्थन किए जाने की बात सामने आई लेकिन केरल भाजपा के सख्‍त रुख के बाद वह अपने पूर्व के बयान से पलट गए और तीनों कृषि कानूनों का समर्थन में आ गए। 


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