प्रांत प्रवास के जरिये कोरोना संकट पर मंथन कर रहा संघ, अगले एक माह तक चलेगा अभियान
सितंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में रहेंगे मोहन भागवत कामगारों को फिर से रोजगार से जोड़ने व शिक्षा पर संघ दे रहा जोर।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारी प्रांत प्रवास के माध्यम से कोरोना महामारी से उत्पन्न समस्याओं पर मंथन कर रहे हैं। शारीरिक दूरी व दूसरे एहतियाती उपायों के साथ संघ अपनी संगठनात्मक गतिविधियों को धीरे-धीरे बहाल कर रहा है। अगले एक माह में लगभग सभी राज्यों में शीर्ष पदाधिकारियों के प्रवास की योजना है। प्रांत प्रवास पर सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत व सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी के साथ ही सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबले व राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी जा रहे हैं।
15 अगस्त को भय्या जी जोशी वाराणसी में थे। इसी तरह सितंबर के पहले सप्ताह में मोहन भागवत का दिल्ली प्रवास होगा। यहां वह दिल्ली व हरियाणा संगठन के चु¨नदा पदाधिकारियों के साथ संगठनात्मक विचार-विमर्श करेंगे। प्रवास के दौरान शीर्ष पदाधिकारियों की चु¨नदा प्रांत पदाधिकारियों के साथ बैठकों में कोरोना काल में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवा कार्यों व मौजूदा संकट पर चर्चा हो रही है। साथ ही रोजगार गंवाने वाले कामगारों को फिर से रोजगार से जोड़ने और स्कूल बंद होने से शिक्षा से वंचित हो रहे बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा से जोड़ने पर भी जोर दिया जा रहा है।
संघ का प्रयास है कि कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराया जाए। इसके लिए जरूरी हो तो उन्हें कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाए। इसी तरह बच्चों के लिए ग्राम या सेवा बस्ती स्तर पर कोरोना को लेकर सरकार के तय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए छोटी-छोटी पाठशालाएं लगाई जाएं, ताकि बच्चे शिक्षा से जुड़े रहें। संघ ने जिलों के हालात को देखते हुए जिलास्तर पर भी संक्षिप्त बैठकों की अनुमति दे दी है। वहीं, सालाना गुरु दक्षिणा का कार्यक्रम भी पूरे देश में शाखा स्तर पर मनाया जाने लगा है। पर्यावरण, वन, जल एवं भूमि के संरक्षण विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत देश के लाखों लोगों से वर्चुअल संवाद करेंगे।