इन्फोसिस के खिलाफ पांचजन्य में छपे लेख से RSS ने बनाई दूरी, कही यह बात
आरएसएस ने रविवार को भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस की आलोचना करने वाले एक लेख से खुद को अलग कर लिया है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि लेख लेखक की राय को दर्शाता है और इसे संगठन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने रविवार को भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस की आलोचना करने वाले एक लेख से खुद को अलग कर लिया है, जो भगवा संगठन से जुड़ी एक पत्रिका पांचजन्य में प्रकाशित हुआ था।
पांचजन्य में लेख के जरिए इंफोसिस पर किया गया था हमला
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि पांचजन्य आरएसएस का मुखपत्र नहीं है। लेख लेखक की राय को दर्शाता है और इसे संगठन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। अपने 5 सितंबर के संस्करण में पांचजन्य ने इंफोसिस 'साख और आघात' पर चार पेज की कवर स्टोरी की है, जिसके कवर पेज पर इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की तस्वीर है।
इंफोसिस पर राष्ट्र विरोधी ताकतों की मदद करने का आरोप
लेख में बेंगलुरु स्थित कंपनी पर हमला किया गया है और इसे 'ऊंची दुकान, फीका पकवान करार दिया है। लेख में यह रेखांकित करते हुए कि इन्फोसिस द्वारा विकसित इन पोर्टलों में नियमित रूप से दिक्कतें आती हैं, जिस वजह से करदाताओं और निवेशकों को परेशानी होती है, कहा गया कि ऐसी घटनाओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था में करदाताओं के विश्वास को कम कर दिया है। क्या इन्फोसिस के जरिए कोई राष्ट्रविरोधी ताकत भारत के आíथक हितों को आघात पहुंचाने की कोशिश कर रही है। लेख में आरोप लगाया गया है कि इन्फोसिस पर कई बार नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गिरोह की मदद करने का आरोप लगता रहा है।
As an Indian company, Infosys has made seminal contribution in progress of the country. There might be certain issues with a portal run by Infosys, but the article published by Panchjanya in this context only reflects individual opinion of the author. @editorvskbharat— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) September 5, 2021
आरएसएस ने इंफोसिस को लेकर रुख को किया स्पष्ट
हालांकि, सुनील आंबेकर ने संघ के रुख को स्पष्ट करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने ट्वीट किया कि एक भारतीय कंपनी के रूप में इंफोसिस ने देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इंफोसिस द्वारा संचालित एक पोर्टल के साथ कुछ समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इस संदर्भ में पांचजन्य द्वारा प्रकाशित लेख केवल लेखक की व्यक्तिगत राय को दर्शाता है। वहीं पांचजन्य आरएसएस का मुखपत्र नहीं है और इसमें व्यक्त किए गए लेख या राय को आरएसएस से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
कांग्रेस ने लेख पर किया था हमला
लेख को 'राष्ट्र-विरोधी' करार देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि यह सरकार पर से दोष को हटाने की कोशिश है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। रमेश ने कहा कि संघ के एक प्रकाशन में इन्फोसिस पर किया गया अपमानजनक हमला निंदनीय है और वास्तव में राष्ट्र-विरोधी है। इन्फोसिस जैसी कंपनियों ने भारत को और दुनिया में उसकी स्थिति को बदला है।