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WATCH: Citizenship Bill Protest- केरल के कॉलेज में एसएफआई और ABVP के बीच हुई हिंसक झड़प

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम बंगाल तक में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दक्षिण के केरल तक अब इस विरोध प्रदर्शन की आग पहुंच गई है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 02:59 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 03:11 PM (IST)
WATCH: Citizenship Bill Protest- केरल के कॉलेज में एसएफआई और ABVP के बीच हुई हिंसक झड़प
WATCH: Citizenship Bill Protest- केरल के कॉलेज में एसएफआई और ABVP के बीच हुई हिंसक झड़प

तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। Citizenship Bill Protest नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम बंगाल तक में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दक्षिण के केरल तक अब इस विरोध प्रदर्शन की आग पहुंच गई है। केरल के त्रिशूर स्थित श्री केरल वर्मा कॉलेज में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) और अखिल भारतीय विद्या परिषद (एबीवीपी) छात्र इकाई के सदस्यों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस पूरी झड़प का पूरा वीडियो भी सामने आया है। यह वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक यह बात कह चुके हैं कि नागरिकता कानून में किसी की नागरिकता छीनने का नहीं, बल्कि देने का प्रावधान है।

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इस हिंसक झड़क के सामने आए वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एसएफआइ के स्टूडेंट्स एबीवीपी कार्यकर्ताओं की पिटाई कर रहे हैं। इसके विरोध में एबीवीपी ने आज हड़ताल बुलाई थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान एबीवीपी के छात्रों ने भी एसएफआइ के 4 छात्रों की पिटाई कर दी। श्री केरल वर्मा कॉलेज में 16 दिसंबर को एसएफआइ और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हो गई थी।

एबीवीपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को शेयर भी किया है। उनका दावा है कि वे नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फैली अफवाहों को दूर करने और स्टूडेंट्स को इसके बारे में समझाने गए थे, लेकिन एसएफआइ के सदस्‍यों ने उनके साथ मारपीट की।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध बेवजह है। इस कानून को लेकर सोशल मीडिया पर काफी भ्रम फैलाया जा रहा है। इस कानून से भारत के किसी भी धर्म के शख्‍स की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। ये कानून सिर्फ पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई धर्म के शोषित लोगों को भारत की नागरिकता हासिल करने की राह आसान करता है। भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से खतरा नहीं है।


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