मध्य प्रदेश में रोहिंग्या की आवाजाही, सरकार ने पुलिस को किया अलर्ट, खुफिया महकमा भी सक्रिय
जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या के खिलाफ कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश में भी यह मुद्दा चर्चा में है। राज्य में इनकी आवाजाही की सूचना है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि रोहिंग्या की मौजूदगी का पता लगाने के लिए पुलिस को अलर्ट किया गया है।
धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या के खिलाफ कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश में भी यह मुद्दा चर्चा में है। हालांकि पुलिस किसी अधिकृत रिकॉर्ड से इनकार कर रही है लेकिन राज्य में इनकी आवाजाही की सूचना है। विशेषकर जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर में इनका नेटवर्क है। ये लोग हैदराबाद से यहां पहुंचते हैं। इनका प्रयास यह होता है कि प्रदेश के अन्य शहरों में किसी तरह बस जाएं।
साल 2017 में पकड़े गए थे तीन रोहिंग्या
मध्य प्रदेश में रोहिंग्या को लेकर बड़ा मामला 2017 में जबलपुर में सामने आया था, जब भीख मांगते तीन रोहिंग्या को पकड़ा गया था। ये लोग हैदराबाद से यहां आए थे। जांच के बाद इन्हें किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल नहीं पाया गया। इन्हें हैदराबाद पुलिस के हवाले कर दिया गया था। इसके अलावा करीब चार साल पहले भोपाल के पुराने शहर में बच्चा चोरी के मामले तेजी से सामने आने लगे थे। इन घटनाओं में अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों के होने का शक जताया गया था।
पुलिस के हाथ खाली
आला अधिकारियों के निर्देश के बाद उनकी पहचान करने की कोशिश की गई थी लेकिन पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। निशातपुरा के पास बनी बस्तियों में रोहिंग्या की तलाश की गई थी। उस समय पुलिस के पास ऐसी जानकारी थी कि हैदराबाद से रोहिंग्या भोपाल पहुंचे हैं। हालांकि मामले की जांच दब गई और इससे संबंधित कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा।
पुलिस को किया गया है अलर्ट
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि रोहिंग्या की मौजूदगी का पता लगाने के लिए पुलिस को अलर्ट किया गया है। खुफिया स्तर पर भी जानकारी जुटाई जा रही है। यदि कहीं रोहिंग्या गैर कानूनी ढंग से रहते पाए गए तो उनके खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
स्थाई रूप से बसने की जानकारी नहीं
रोहिंग्या से संबंधित मामलों में आधिकारिक रूप से पुलिस ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उनका सिर्फ यही कहना है कि रोहिंग्या के आने-जाने की सूचना मिलती है और इनकी पड़ताल की जाती है। हालांकि यहां स्थायी रूप से बसने की जानकारी पुलिस के पास नहीं है।
खुफिया महकमा भी सक्रिय
वहीं खुफिया विभाग के सूत्रों का कहना है कि भले ही रोहिंग्या से संबंधित समस्या मध्य प्रदेश में बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन प्रदेश के बड़े शहरों के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ये आते-जाते रहते हैं। इनका प्रयास होता है कि पुराने शहरों की आबादी में इनके रहने की व्यवस्था हो जाए। कुछ लोग इन्हें शरणार्थी बताकर आश्रय देते रहे हैं। भोपाल में नया बाईपास में ग्राम बर्रई के आसपास इनकी पहचान करने के लिए खुफिया महकमा सक्रिय है। जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई के बाद भी पुलिस अधिकारी रोहिंग्या से संबंधित जानकारी जुटाने में लगे हैं।