कॉरपोरेट टैक्स घटाने का रोडमैप तैयार करना जरूरी
वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट पूर्व हुई बैठक में भी उद्योग संगठनों ने इसका प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री ने 2015-16 का बजट पेश करते हुए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद पर लाने का ऐलान किया था।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबारने के लिए अगर सरकार से सार्वजनिक खर्च के स्तर को बनाये रखने की उम्मीद की जा रही है तो उद्योग जगत आगामी बजट में कॉरपोरेट टैक्स घटाने का रोडमैप मिलने की इंतजार में है। उद्योग संगठनों का मानना है कि आगामी बजट में सरकार को कॉरपोरेट टैक्स में कम से कम दो फीसद की कमी करके इस रास्ते पर बढ़ना चाहिए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट पूर्व हुई बैठक में भी उद्योग संगठनों ने इसका प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री ने 2015-16 का बजट पेश करते हुए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद पर लाने का ऐलान किया था। यह काम चार वर्ष में किया जाना था। हालांकि इसके तहत उद्योगों को मिल रही सभी तरह की टैक्स रियायतों और छूटों को समाप्त करने का प्रावधान भी था। इस दिशा में सरकार कुछ आगे बढ़ी और वित्त विधेयक 2016 में कई रियायतों और छूटों को समाप्त कर केवल घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 29 फीसद पर ला दिया गया। यह लाभ भी उन्हीं कंपनियों को मिला जिनका रेवेन्यू साल 2014-15 में पांच करोड़ रुपये तक था। इसके अगले वित्त वर्ष भी वित्त विधेयक 2017 के जरिए बीते वर्ष पचास करोड़ रुपये तक का रेवेन्यू अर्जित करने वाली घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 फीसद कर दी।
उद्योग संगठन फिक्की का मानना है कि सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी तो कर दी है लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया है कि साल 2015-16 में कारोबार शुरु करने वाली कंपनियों पर यह नियम लागू होगा अथवा नहीं। फिक्की ने वित्त मंत्रालय से इस नियम को स्पष्ट करने की मांग भी की है।
दूसरी तरफ फिक्की का मानना है कि सरकार ने जिन टैक्स रियायतों और छूटों को समाप्त किया है वे सभी तरह की कंपनियों को मिल रही थीं। लेकिन कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी केवल छोटी कंपनियों के मामले में हुई है। लिहाजा यह आवश्यक है कि इसका लाभ उन सभी कंपनियों को मिले जिन पर रियायतें व टैक्स छूट समाप्त होने का असर आया है।
फिक्की ने इस संबंध में वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि आने वाले बजट में कॉरपोरेट टैक्स की तस्वीर को स्पष्ट करते हुए इसका रोडमैप जारी करें। साथ ही वित्त मंत्री से उद्योग संगठन ने कॉरपोरेट टैक्स की दर को 25 फीसद पर लाने का आग्रह भी किया है। उद्योग संगठन फिक्की के नवनियुक्त प्रेसिडेंट रशेश शाह ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि सरकार की मंशा इस मामले में स्पष्ट है। केवल इंतजार इस बात का है कि इस संबंध में वह कदम कब उठाती है। शाह कहते हैं कि यदि जिन कंपनियों को इसका लाभ नहीं मिला है उन कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर में दो फीसद की कमी भी हो तो यह एक सकारात्मक संकेत होगा।
बजट से उम्मीद
-कॉरपोरेट टैक्स की दर सभी कंपनियों के लिए 25 फीसद हो
-2016-17 और 17-18 में शुरु होने वाली कंपनियों को भी मिले 25 फीसद टैक्स रेट का लाभ
-फर्म से कंपनी में तब्दील हुई इकाइयों पर भी लागू हो घटी टैक्स की दर
-25 फीसद दर में सरचार्ज और एजुकेशन सेस भी शामिल हो
-कॉरपोरेट व गैर-कॉरपोरेट करदाताओं से सरचार्ज व एजुकेशन सेस हटाने की सिफारिश