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Rising India: साकार किया ‘डिजाइन इन इंडिया’का सपना, अब आसान होगी छोटी जगहों पर भी डिलिंग

कुछ नया करने की सोच में बड़े पैकेज की नौकरी छोड़कर अपने ही गांव बाबरपुर में स्टार्टअप इंडिया के तहत चैलेंज स्वीकार कर स्वदेशी डिलिंग मशीन बना डाली।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 10:35 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 10:35 AM (IST)
Rising India: साकार किया ‘डिजाइन इन इंडिया’का सपना, अब आसान होगी छोटी जगहों पर भी डिलिंग
Rising India: साकार किया ‘डिजाइन इन इंडिया’का सपना, अब आसान होगी छोटी जगहों पर भी डिलिंग

देवेश सक्सेना, अजीतमल (औरैया)। आत्मनिर्भर भारत के तहत गांव में ही उत्पाद निर्माण, डिजाइन बनाने और वहीं के हुनरमंद युवाओं को रोजगार देने की सोच का ख्वाब साकार हुआ है। ये कर दिखाया है, औरैया के बाबरपुर कस्बा अंतर्गत मोहल्ला अशोक नगर निवासी आइआइटी से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अनिवेष चतुर्वेदी ने। उनका स्वदेशी का सपना आत्मनिर्भरता के ‘आकाश’ पर ‘स्मॉल हॉरिजेंटल डायरेक्शन डिलिंग’ मशीन के रूप में ‘उड़ान’ भर रहा है। 28 वर्षीय अनिवेष चतुर्वेदी ने धनबाद से 2013 में आइआइटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद तीन साल तक गुरुग्राम स्थित मारुति सुजुकी कंपनी में बतौर प्रोडक्शन मैनेजर काम किया।

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कुछ नया करने की सोच में बड़े पैकेज की नौकरी छोड़कर अपने ही गांव बाबरपुर में स्टार्टअप इंडिया के तहत चैलेंज स्वीकार कर स्वदेशी डिलिंग मशीन बना डाली। इसमें न सिर्फ मेक इन इंडिया, बल्कि डिजाइंड इन इंडिया का सपना भी साकार किया। वह खुद तो राष्ट्रीय फलक पर चमके ही, साथ में गांव का नाम भी रोशन हुआ है।

स्टार्टअप इंडिया चैलेंज में देश स्तर पर पहला स्थान

भारत सरकार के पोर्टल स्टार्टअप इंडिया पर छोटी जगहों पर डिलिंग मशीन बनाने के चैलेंज पर अगस्त 2019 में काम शुरू किया। केड मॉडल (कंप्यूटर एडिट डिजायन) बनाने के बाद अक्टूबर 2019 में फस्न्ट प्रोटोटायप बनाया। इसका मुंबई और हैदराबाद से आई टीमें ट्रायल लेती रहीं। 30 जनवरी 2020 को चैलेंज पेश करने पर देश में अव्वल आए। उन्हें हाल ही में शील्ड, प्रमाण पत्र और नकद ढाई लाख रुपये देकर सम्मानित किया गया है।

एक से 25 मीटर दूरी तक डिलिंग

अनिवेष बताते हैं, स्मॉल हॉरिजेंटल डायरेक्शन डिलिंग मशीन से रेल की पटरियों, शहर, कस्बों, गांवों की छोटी और पतली गलियों, हाईवे, लिंक मार्गो पर कम से कम एक से लेकर 25 मीटर की दूरी तक डिलिंग आसान होगी। इसके निर्माण में करीब पांच लाख रुपये का खर्च आया है, जबकि अब तक निर्मित व बड़ी मशीनों की कीमत करीब 55 लाख रुपये से शुरू होती है। ये मशीनें सवा सौ मीटर दूरी पर काम करती हैं। उन्हें मुंबई स्थित भारत की सबसे बड़ी ओएफसी केबल बिछाने वाली कंपनी स्टेरलाइट टेक्नोलॉजी से आर्डर भी मिला है।

ये स्वदेशी उत्पाद भी बनाए

शारीरिक दूरी को लेकर काउंटिंग मशीन बनाई, जो ऑफिस, मॉल, दुकान, बैंक के अंदर मौजूद और आने जाने वालों की संख्या को गेट पर लगी स्क्रीन पर ही दर्शाती है। भीड़ नियंत्रण व शारीरिक दूरी पालन कराने में फायदेमंद।

कमरे या किसी बड़े हॉल को सैनिटाइज करने के लिए यूबीसी किरणों से युक्त मशीन बनाई है, जो दूसरी मशीनों की तुलना में सस्ती है। गोरखपुर, वाराणसी, झांसी समेत दूसरे मेडिकल कालेज व चिकित्सीय व्यवसाय से जुड़े लोग मांग कर चुके हैं।


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