एनआरसी में नाम नहीं होने पर रिटायर्ड शिक्षक ने की खुदकुशी
गुवाहाटी से 100 किमी दूर मंगलडोई में रहने वाले निरोद कुमार दास 34 साल तक सरकारी स्कूल में शिक्षक रहे।
मंगलडोई (असम), प्रेट्र। एनआरसी में नाम नहीं होने से कथित तौर पर दुखी एक सेवानिवृत्त शिक्षक के आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। घटना के विरोध में सोमवार को बंगाली स्टूडेंट फेडरेशन ने बंद का एलान किया था। इस दौरान बाजार, दुकानें, शिक्षण संस्थाएं, निजी कार्यालय और बैंक बंद रहे। बता दें कि 30 जुलाई को प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अंतिम मसौदे में नाम नहीं होने के चलते खुदकुशी करने का यह तीसरा मामला है।
घटना के विरोध में स्टूडेंट फेडरेशन ने रखा बंद
गुवाहाटी से 100 किमी दूर मंगलडोई में रहने वाले निरोद कुमार दास 34 साल तक सरकारी स्कूल में शिक्षक रहे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई की और जिला अदालत में वकालत करने लगे। परिजनों ने बताया कि रविवार सुबह की सैर के बाद दास ने अपने कमरे में फांसी लगा ली।
पुलिस के अनुसार दास ने सुसाइड नोट में एनआरसी में नहीं होने के बाद प्रताड़ना से बचने के चलते यह कदम उठाने की बात कही है। दास ने अपनी मौत के लिए किसी को भी दोषी नहीं ठहराया है। सुसाइड नोट में दास ने पांच लोगों का जिक्र किया है, जिनसे उन्होंने 1,200 रुपये लिए थे। उन्होंने परिजनों से यह रुपये उनको लौटाने को कहा है।
पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया शव
गुस्साए परिजनों ने पुलिस को शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया। वह स्थानीय एनआरसी सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। खास बात यह है कि दास का नाम जहां सूची में शामिल नहीं था वहीं उनकी पत्नी सहित सभी परिजनों और सगे संबंधियों का नाम सूची में है।