दिल्ली-एनसीआर की खराब आबोहवा से बेचैन केंद्र सरकार ने बुलाई पर्यावरण मंत्रियों की बैठक
दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर केंद्र एक मुहिम छेड़े हुए है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की तेजी से खराब हो रही आबोहवा ने केंद्र की चिंताओं को बढ़ा दिया है। यह स्थिति तब है, जब इससे निपटने के लिए पहले से ही काफी तैयारियां और बैठकें हो चुकी है। बावजूद इसके दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से खराब स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सहित उसके सभी पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की 19 अक्टूबर को एक अहम बैठक बुलाई है।
हवा की गुणवत्ता को लेकर पर्यावरण मंत्रालय सक्रिय
पर्यावरण मंत्रालय में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ सोमवार को पूरे दिन दिल्ली-एनसीआर की हवा को लेकर लंबी बैठकों का दौर चला। जिसमें पिछले साल के मुकाबले हवा की गुणवत्ता में सुधार के दावे किए गए हैं और यह आशा जताई गई कि इस बार हवा की गुणवत्ता खराब के स्तर से और नीचे नहीं जाएगी। पिछली बार यह इन दिनों में ही बहुत खराब या खतरनाक स्तर पर पहुंच गई थी।
हवा की गुणवत्ता का मापदंड
दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में इस बार बदलाव का सिलसिला 01 अक्टूबर के बाद से शुरु हुआ। क्योंकि एक अक्टूबर को पीएम -10 की स्तर 90 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। जो दो अक्टूबर को बढकर 101 हो गया था। सोमवार तक यह गिरकर करीब 222 तक पहुंच गया है। बता दें कि हवा की गुणवत्ता को खराब या बेहद खराब स्तर पर पहुंचने का आकलन पीएम-10 और पीएम-2.5 के स्तर के आधार पर किया जाता है। हवा की अच्छी गुणवत्ता के लिए पीएम-10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर या उससे कम होना चाहिए।
हवा की गुणवत्ता में बदलाव
पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक हवा की गुणवत्ता में जिस तरह से बदलाव आया है, उसके पीछे सिर्फ पराली ही वजह नहीं है, बल्कि मौसम में आया बदलाव भी एक बड़ा पहलू है। जिसके चलते दिल्ली और एनसीआर से पैदा होने वाला प्रदूषण है, जो हवा की रफ्तार धीमी होने के चलते बाहर नहीं निकल पा रहा है।
पराली को लेकर केंद्रीय टीम पंजाब और हरियाणा का दौरा करेगी
पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने की घटनाओं को लेकर ब्यौरा मांगा है। इस दौरान मौके की हकीकत को देखने के लिए कृषि और पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम भी दोनों राज्यों में भेजने को लेकर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि यह टीम 19 अक्टूबर से पहले दोनों ही राज्यों के पराली के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा कर सकती है।
हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मुहिम छेड़ी
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर केंद्र एक मुहिम छेड़े हुए है। इसके तहत करीब 12 सौ करोड़ रुपए का एक पैकेज भी दिया है।