Move to Jagran APP

पीएनबी घोटाला: जांच एजेंसियों की सक्रियता से उद्योग जगत बेचैन

पीएनबी में उक्त उद्योगपतियों ने तकरीबन 2 अरब डॉलर के घोटाले को अंजाम दिया है। घोटाले को अंजाम देने के बाद दोनों बड़े उद्योगपति विदेश फरार हो चुके हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 09:39 PM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 09:39 PM (IST)
पीएनबी घोटाला: जांच एजेंसियों की सक्रियता से उद्योग जगत बेचैन
पीएनबी घोटाला: जांच एजेंसियों की सक्रियता से उद्योग जगत बेचैन

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकारी बैंक पीएनबी में उद्योगपति नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनकी कंपनियों की तरफ से किये गये घोटाले की जांच में जुटी एजेंसियां और नियामक एजेंसी आरबीआइ ने जिस तरह से सक्रियता दिखानी शुरू की है उसको लेकर उद्योग जगत में एक नई बेचैनी शुरू हो गई है। देश के तमाम बड़े उद्योग चैंबरों ने इस बारे में अपनी चिंताओं को लेकर सरकार से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि कहीं कारोबारी जगत में भय का माहौल न बन जाए। उद्योग जगत के कुछ बड़े प्रतिनिधियों ने निजी तौर पर सरकार के नुमाइंदों से अलग से मिल कर जांच एजेंसियों की अति सक्रियता को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया है।

loksabha election banner

उद्योग चैंबर फिक्की के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि पीएनबी घोटाले में जो भी अपराधी है उन्हें हर कीमत में पकड़ा जाना चाहिए। लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से कुछ कदम उठाये गये हैं उससे बैंकों व उद्योग जगत के बीच भरोसे पर प्रहार हुआ है। यह तब हो रहा है जब घरेलू उद्योग विस्तार की योजनाओं को अंतिम रूप देने में जुटा है और इन योजनाओं के लिए बैंकों का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण होगा। एक अन्य प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआइ ने मंगलवार को आरबीआइ की तरफ से लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) और लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी करने के फैसले की निंदा की है।

सीआइआइ ने कहा है कि छोटे व मझोले निर्यातकों को इससे ज्यादा नुकसान होगा। निर्यात करने की लागत बढ़ेगी। आरबीआइ को एक झटके में इसे बंद नहीं करना चाहिए था, बल्कि इस बारे में चरणबद्ध तरीके से कदम उठाने चाहिए थे। निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा है कि अभी अमेरिका, यूरोप, जापान से रत्न व आभूषण क्षेत्र में बड़े आर्डर आने शुरू हुए थे। लेकिन आरबीआइ के फैसले से इस पर बुरा असर पड़ेगा। रत्न व आभूषण उद्योग 43 अरब डॉलर का निर्यात करता है और इसमें 50 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

सनद रहे कि पीएनबी में उक्त उद्योगपतियों ने तकरीबन 2 अरब डॉलर के घोटाले को अंजाम दिया है। घोटाले को अंजाम देने के बाद दोनों बड़े उद्योगपति विदेश फरार हो चुके हैं। इसकी जांच में सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय, एसएफआइओ के अलावा कुछ दूसरी जांच एजेंसियां भी जुटी हुई है। अभी तक सात हजार करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां जब्त की जा चुकी है। पीएनबी के कई अधिकारी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। उद्योग चैंबरों के सूत्रों का कहना है कि अभी तक जो भी कदम उठाये गये हैं उससे लगता है कि आनन फानन में कदम उठाये जा रहे हैं। मसलन, पहले 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लेने वाले हर ग्राहकों की कई बार समीक्षा करने का निर्देश जारी किया गया। अब बैंकों की तरफ से बताया जा रहा है कि जिन ग्राहकों पर 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि एनपीए के तौर पर बकाया है तो उसे नए कर्ज नहीं दिए जाएंगे। अब एलओयू पर रोक लगा दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.