निजी नौकरियों में आरक्षण का फैसला ठीक नहीं : सीआइआइ
सीआइआइ का कहना है कि आरक्षण से उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता सीधे तौर पर प्रभावित होती है। सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि हरियाणा के लिए यह समय राज्य स्तर पर निवेश आकर्षित करने पर केंद्रित करने वाला है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उद्योग जगत के संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) ने हरियाणा सरकार से निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण के कानून पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। सीआइआइ का कहना है कि आरक्षण से उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता सीधे तौर पर प्रभावित होती है। उद्योग संगठन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि राज्य सरकार इस पर फिर से विचार करेगी। सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि हरियाणा के लिए यह समय राज्य स्तर पर निवेश आकर्षित करने पर केंद्रित करने वाला है। ऐसे में राज्य सरकार को निजी नौकरियों में आरक्षण के रास्ते उद्योग पर अंकुश लगाने से बचना चाहिए था।
बनर्जी का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण एक भारत श्रेष्ठ भारत का है। ऐसे में संगठन देश के भीतर एक एकीकृत और जीवंत श्रम बाजार की उम्मीद करता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कहा था कि राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसमें निजी क्षेत्र की 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रखने का प्रविधान है।